सवालों के घेरे में नेशनल हाईवे 534 के डामरीकरण की गुणवत्ता
रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
सतपुली। विगत कई दिनों से सोशल मीडिया पर लगातार पहाड की सड़कों पर हो रहे घटिया डामरीकरण की वीडियो/फोटो अपलोड हो रही है। हमारी टीम द्वारा विगत 4 दिन पहले नेशनल हाईवे 534 के घटिया डामरीकरण उखड़ने की खबर दिखाई गई थी जो कि केवल एक आधे किलोमीटर तक की थी, लेकिन आज स्थानीय युवा डबल मिया के द्वारा हमारी टीम को नेशनल हाईवे 534 पर पार्टीसैंड बोसाल मैटाकुण्ड आदि जगहों को दिखाया गया जहाँ पर एक माह व 15 दिन पहले डामरीकरण किया गया था।
धरातल की हकीकत हम आपको अपने कैमरे व यही के लोकल युवा की जुबानी दिखा रहे हैं। किस प्रकार से डामरीकरण उखड़ रखा है व पूरी सड़क पर बजरी व रोड़ी डामर से अलग होकर सड़क किनारे व बीच में इकठ्ठा हो गई है। जब इस सम्बंध में हमारे द्वारा फोन पर NH के अधिशासी अभियंता महावीर से बात की गई तो उनका कहना था कि, सड़क सही मानकों के तहत बन रही है। हमारे जेई रोज मौके पर रहते हैं, यदि सड़क खराब होती है तो कार्यदायी संस्था एक साल तक उसको ठीक करेगी।
अब सवाल उठता है कि, एक साल की गारंटी कार्यदायी संस्था की है। तो क्या केवल एक साल के लिए ही होता है डामर या फिर जनता के खून-पसीने की कमाई को ठिकाने लगाया जाता है। शासन, विभाग, कार्यदायी संस्था, सबकी मिली भगत से सरकारी धन को ठिकाने लगाया जाता है।
एक सुझाव पहाड़ में कोई भी कार्य हो तो शुरू होने से पहले ही कार्यस्थल पर उक्त कार्य के मापदंड (मानक) का बोर्ड स्थापित हो, ताकि आम जनता को कार्य की गुणवत्ता समझने में आसानी हो और कार्य भी मजबूत हो- डबल मिया, स्थानीय ग्रामीण।