आफत की बारिश: उत्तराखंड में बारिश का कहर, कहीं रास्ते हुए बंद, तो कहीं गाडियां तैरने लगी अगले चार दिन राहत नहीं..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में पर्वतीय जिलों के साथ मैदानी इलाकों में अगले चार दिन तक भारी बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग की ओर से संवेदनशील इलाकों में हल्के से मध्यम भूस्खलन और चट्टान गिरने से कहीं-कहीं सड़कों और राजमार्ग के अवरुद्ध होने की आशंका भी जताई गई है। मैदानी इलाकों से लेकर पर्वतीय इलाकों में बारिश का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि 26 जून को प्रदेश के पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने और कई दौर की बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 27 और 28 जून को उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर में बारिश का येलो अलर्ट है। 29 जून को भी प्रदेश भर में बारिश का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है।
बता दें उत्तराखंड में मानसून के दस्तक देने के साथ ही मौसम बदल गया है। सूबे के कई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि गंगा समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है।
जगह-जगह भारी बारिश आफत लेकर आई है। कई मार्ग बंद होने से आवाजाही मुश्किल हो गई है, तो कहीं नदियों का जलस्तर बढ़ने से नुकसान की तस्वीरें सामने आई है। सुबह से जारी भारी बारिश के कारण देहरादून एयरपोर्ट पर हवाई यातायात प्रभावित भी हुआ। जिस कारण एयरपोर्ट पर इंडिगो की पहली फ्लाइट लैंड नहीं हो पाई।
शनिवार रात से जारी बारिश के चलते हरिद्वार शहर और देहात के कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया। कनखल में नहर और नाले का पानी घरों में ओवरफ्लो होकर घुसा। कई लोगों के घरों के सामान खराब हो गया। लाटोवाली में भी नाले चोक होने से कालोनी की सड़क जलमग्न हो गई।
ज्वालापुर में मेन बाजार सहित कई इलाकों में दो से तीन फुट पानी भर गया। गलियों में खड़े कई वाहन पानी में डूबे गए। ऋषिकुल के पास बारिश के चलते एक पुराने मकान की दीवार ढह गई। मकान बहने की आशंका के चलते परिवार ने पड़ोस के घर में आसरा लिया। जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन विभाग और तहसील प्रशासन को अलर्ट होने के लिए निर्देश दिए। बाढ़ संभावित इलाकों पर नजर रखी जा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग बारिश से हुए नुकसान का जायजा ले रहा है।
रुद्रप्रयाग
जिले में भारी बारिश की वजह से तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केदारनाथ यात्रा एक बार फिर रोक दी गई है। यात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड से आगे नहीं भेजा जा रहा है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक सूबे में भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।
सूबे में भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में दो व्यक्तियों की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य घायल हो गए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मोटर मार्ग पर रविवार को एक वाहन के भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के मलबे की चपेट में आने से उसमें सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई। यह हादसा सोनप्रयाग के पास शटल पुल से करीब एक किलोमीटर पहले गौरीकुंड जाने वाले मोटर मार्ग पर तब हुआ जब व्यक्ति अपने वाहन में बैठा था। पहाड़ी से अचानक हुए भूस्खलन के कारण मलबे में दबकर उसकी मौत हो गई।
एक अन्य घटना में, उत्तरकाशी जिले की पुरोला तहसील के कंडियाल गांव में बिजली गिरने से खेत में रोपाई कर रहे एक युवक की मौत हो गई जबकि तीन अन्य घायल हो गए।
सीएम ने अधिकारी-कर्मचारियों को पूरी तरह अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में नदी-नालों के आसपास रहने वाले लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है। उन्होंने अधिकारियों से प्रत्येक जिले में पर्याप्त मात्रा में रैन बसेरों और राहत सामग्री की व्यवस्था करने को कहा, ताकि बारिश के कारण घर छोड़ने वाले लोगों को असुविधा न हो।
धामी ने कहा कि जलभराव की स्थिति में पानी की निकासी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील जगहों पर पहले से जेसीबी मशीन तैनात की जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश के मद्देनजर उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारों धाम की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी ली। सीएम ने केदारनाथ धाम का ऑनलाइन अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे मौसम की अद्यतन जानकारी लेकर ही यात्रा करें। उन्होंने कहा कि मैं श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि यदि मौसम ज्यादा खराब हो तो वे अपनी यात्रा को रोक दें और मौसम विभाग द्वारा जारी अपडेट के अनुसार ही चलें।