लाल स्कूटी और नीरज रोहिला जरूरतमंदों की बने जरूरत
रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में बहुत कुछ अजीब देखने को मिल रहा है। हर तरह से क्षेत्र में समाजसेवी सहयोग करने में जुटे है। कोई भी भूखा ना रहे का संकल्प लेकर हर कोई एक दूसरे को राहत पहुंचा रहा है। ऐसे ही एक समाजसेवी है नीरज रोहिला। जो क्षेत्र में गली-गली घर-घर जाकर यह पड़ताल करते रहते है कि, कोई भूखा या जरूरतमंद तो नही है। नीरज रोहिला और उनकी लाल स्कूटी का जरूरतमंद इन्तेजार करते है। लाल स्कूटी जरूरतमंदों के लिऐ देवयान साबित हो रही है। रात हो या दिन लाल स्कूटी और नीरज रोहिला लोगो की सेवा में लगे हुए है।
लाल स्कूटी पर खाद्य सामग्री रखकर नीरज रोहिला क्षेत्र की किसी भी गली मोहल्ले में जरूरतमंद के दरवाजे पर खड़े दिखायी दे जाते है। कही कच्चा राशन दे रहे तो कही खाना पकाकर बांट रहे है। वार्ड नंबर 9 में हाल ही में पानी की किल्लत हो गयी थी, तो उनके माध्यम से पानी के टैंकरों से वार्ड में पानी की आपूर्ति की गयी। साथ ही जल संस्थान के अधिकारियों से वार्ता कर शीघ्र जल आपूर्ति बहाल करवायी गयी। इनके द्वारा अभी तक क्षेत्र में दो सौ परिवारो से अधिक खाद्य सामग्री भी वितरित की गयी। समाजसेवी नीरज रोहिला द्वारा 22 मार्च से लगातार हर्बर्टपुर चौक पर व्यापार मण्डल अध्यक्ष ऋषभ अग्रवाल व अन्य व्यापारियो द्वारा संचालित रसोई में खाना भी बनवाया जा रहा है।
जिसे प्रवासी मजदूरो को खिलाया जा रहा है। नीरज रोहिला रसोई में एक सेवक की तरह खाना बनाते और भूखो को खिलाते हुए नजर आते है। साथ ही इनके द्वारा वैश्विक महामारी में इनके यहां किराए पर रह रहे सात व्यावसायिक व सात पारिवारिक किराएदारों का किराया भी तीन महीने के लिऐ छोड़ दिया गया है, और इनके पास काम करने वाले पाँच वर्करों की तीन महीने की सैलरी भी एडवांस दे दी गयी है। इस वैश्विक महामारी में जिस तरह नीरज रोहिला समर्पण भाव से कार्य कर रहे है यह हर किसी से कर पाना संभव नही है। उनका कहना है कि, उन्होंने गरीबी में जीवन यापन किया है। जिस वजह से उन्हें गरीबो की पीड़ा और जरूरतों का एहसास है।
नीरज में कहा कि, अगर ऐसे समय में हम गरीबो से मुंह मोड़ लेंगे तो सही नही है। उन्होंने सभी संपन्न लोगो से अपील भी की है। सभी इस वैश्विक महामारी में जरूरतमंदों और राष्ट्र हित में योगदान दे। जिससे किसी भी देशवासी को खाने के लिऐ तरसना ना पड़े। नीरज रोहिला क़ा कहना है कि, जब तक लॉकडाउन है, तब तक जरूरतमंदों को जो भी संभव राहत व सहयोग होगा किया जाऐगा। ऐसे समाजसेवियों की वजह से ही आज देश मजबूती से खड़ा है और देश में कही भी वैश्विक महामारी के दौरान किसी भी व्यक्ति की भूख से मौत नही हुयी है। आपदा के इस दौर में समाजसेवियों द्वारा मोर्चा संभालने से ही यह संभव हो पाया है, 130 करोड़ की आबादी वाले देश को किसी के सामने झुकना नही पड़ा और देश क़ा हर नागरिक आज वैश्विक महामारी में भी खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है। ऐसे समाजसेवियों को देश कभी नही भुला पाएगा जन सहयोग के दम पर ही आज दुनिया में हिंदुस्तान का डंका बज रहा है।