रिपोर्ट-विजय रावत
देहरादून। मामला गढ़ी श्यामपुर मयाचक ऋषिकेश का है जहां पर कुछ गांव वालों ने ग्राम प्रधान के द्वारा कराए गए निर्माण में भारी अनियमितताएं देखी और इसकी जानकारी के लिए सम्बंधित विभाग में आर०टी०आई० लगाई। आरटीआई में पाया गया कि जिस निर्माण कार्य के लिए विभाग द्वारा पैसे सेंक्शन हुवे थे वह निर्माण कार्य कंही धरातल में है ही नही। गांव वालों ने इसे विभागीय मिली भगत द्वारा प्रधान के द्वारा फर्जी बिल लगाने का आरोप लगाया है। और साथ ही साथ प्रधान पर आरोप लगाया है कि जो निर्माण कार्य कार्डधारकों यानी मनरेगा के तहत होने दिखाए गए है वो जेसीबी मसीन व अन्य उपकरणों द्वारा हुवे है।
इस मामले की जांच के लिए ग्राम वासियों नेे मनरेगा लोकपाल, परियोजना निदेशक, जिलाविकाश अधिकारी,प्रमुख सचिव व जिला अधिकारी को इसकी शिकायत की। खण्ड-विकाश अधिकारी वीर सिंह राणा व मनरेगा लोकपाल का कहना है कि इस मामले की शिकायत मिलते ही इस मामले की विभाग्य स्तर में जांच हो रही है। जांच में यदि ग्राम प्रधान भ्र्ष्टाचार में लिप्त पाए जाते है तो इसमें कई विभाग्य अधिकारी भी घेरे में आ सकते है।
वंही ग्राम-प्रधान जयेंद्र का कहना के की उनके ऊपर बेबुनियाद आरोप लग रहे है । उनकी छवि को क्षेत्र मे बदनाम करने के लिए कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उनपर आरोप लगाया जा रहा है।
फिलहाल ये अभी जांच का विषय बना हुआ है जांच के बाद ही इसमे पूर्ण रूप से भ्र्ष्टाचार का खुलासा हो पायेगा।