24 जुलाई को हुआ फर्जी मतदान, बच्चों के हाथों पर लगी स्याही से खुला राज
ग्रामीणों का कहना है कि 24 जुलाई को पहले चरण के मतदान के दौरान राजकीय इंटर कॉलेज, सौंराखाल में पढ़ने वाले कई नाबालिग छात्रों ने बांसी बूथ पर मतदान किया। ग्रामीणों के अनुसार मतदान के बाद बच्चे आपस में बातचीत करते पाए गए, जिसमें उन्होंने खुद फर्जी वोट डालने की बात स्वीकारी।
बाद में जब परिजनों और ग्रामीणों ने स्कूली बच्चों से पूछताछ की, तो उन्होंने मतदान करने की बात मानी। बच्चों के हाथों पर मतदान के बाद लगाई जाने वाली स्याही के निशान देखे गए, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
ग्रामीणों ने की बूथ मतदान निरस्त करने की मांग
26 जुलाई को मनवर सिंह बिष्ट और अर्जुन सिंह रावत समेत कई ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बांसी बूथ पर हुए मतदान को निरस्त करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ प्रत्याशियों ने चुनाव जीतने के लिए नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल कर लोकतंत्र का उपहास उड़ाया है और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया है।
बूथ पर तैनात कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध
ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि जब बूथ पर तैनात कर्मचारी और अधिकारी मौजूद थे, तो नाबालिग बच्चों को मतदान करने की अनुमति कैसे मिल गई? यह लापरवाही चुनाव प्रक्रिया की गंभीर अनदेखी मानी जा रही है। ग्रामीणों ने दोषी चुनावकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
सीडीओ ने जांच का दिया आश्वासन
इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) राजेंद्र रावत ने कहा है कि मामले की जांच कराई जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।