एक तरफ जहां मोदी जी प्लास्टिक मुक्ति के लिए अभियान चला रहे हैं अपने नेताओं को प्लास्टिक मुक्त स्वच्छ भारत अभियान की शपथ दिला रहे हैं वंही दूसरी तरफ ऐसा लगता है मानो मोदी जी के नेताओं के लिए शपथ लेना महज एक नौटंकी भर है।
अभी हाल ही में उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बेटे की शाही शादी में बड़े-बड़े दिग्गज आये और पीछे कई टन प्लास्टिक का कचरा छोड़ गए। पर्यटन मंत्री चाहते तो प्लास्टिक मुक्त शादी का एक उदाहरण भी दे सकते थे करोड़ो की इस शादी में कितने लाखों का प्लास्टिक कचरा हुआ नेता जी को क्या मालूम।
आखिर पर्यावरण की नेताजी को क्या पड़ी है।
वंही दूसरी तरफ लोगों को प्लास्टिक से हो रहे पर्यावरण के नुकसान पर जागरूक करने के लिए विज्ञापनों में करोड़ो रूपये उड़ा दिए जाते है, प्लास्टिक मुक्ति के नाम पर छोटे-छोटे व्यपारियों का शोषण किया जाता है और हजारों का चालान काट दिया जाता है। मगर नेताजी खुद प्लास्टिक का कचरा फैलाने में शर्म महसूस नहीं करते और फिर अपनी रैलियों में पर्यावरण को साफ करने का बड़ा संदेश जनता को देते है।