रोजा रखकर ड्युटी दे रहे सिपाही और डॉक्टर
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन की स्थिति में डॉक्टर और पुलिस की हर तरफ तारीफ हो रही है। डॉक्टर और पुलिसकर्मी संकट की इस घड़ी में सुपरहीरो बनकर उभरे हैं। लॉकडाउन की स्थिति में पुलिस मददगार बनकर सामने आई है। पुलिस की जो छवि मौजूदा हालातों में बनीं उससे सभी का नजरिया बदल गया है। पुलिस के हौंसलों की कई ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिन्होंने उनके बारे में पहले की बनी हुई राय को बदल दिया है। कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लाॅकडाउन चल रहा है। वहीं मुस्लिम समुदाय का रमज़ान का पाक महीना भी चल रहा है। इस दौरान लोग रोजे रखकर इबादत कर रहे है।
पौडी जिले के कोटद्वार कोतवाली में मोहम्मद कासिम सिपाही हैं। कोरोना में ड्यूटी के दौरान रमजान भी चल रहे हैं लेकिन फर्ज और देश से बढ़कर कुछ कहां। कासिम ने भी पवित्र रोजे रखे हैं और साथ ही अपनी ड्यूटी भी कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान मोहम्मद कासीम की ड्यूटी प्रत्येक दिन लालबत्ती चौक पर लग रही है। वह ड्युटी के प्रति इतने वफादार है कि, वह सुबह सात बजे से पहले ही अपने ड्युटी प्वाइंट पर पहुँच जाते है और शायं सात बजे के बाद ही घर जाते है। कासिम इंटर कालेज के अंदर नमाज अदा करते है। जिस वक्त कासिम नमाज पढ़ रहे होते हैं उनके साथी सिपाही उनका प्वांइट संभाल लेते है। ये सद्भावना और आपसी प्रेम ही है जो हिंदू-मुस्लिम भाई चारे को निभाता है।
कासिम ड्यूटी समय में 2 से 3 बार नमाज पढ़ते हैं और इस दौरान उनके साथी जवान ड्यूटी कर रहे होते हैं। इतना ही नहीं जब कासिम नमाज पढ़ते हैं तब ये जवान कोशिश करते हैं कि उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो। वहीं राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार में पदस्थ डाक्टर इमरान भी रोज ड्युटी के साथ-साथ रोजा भी रख रहे है। कोरोना महामारी ने दुनियाभर के डॉक्टर्स की जिंदगी पूरी तरह से बदल दी है। डॉक्टर्स बीमारी के प्रकोप के बीच जनता को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। रोजा रख रहे डॉ इमरान कहते हैं, संक्रमण का डर हमेशा रहता है। डॉक्टर के रूप में हम मरीजों की जान बचाने की शपथ लेते हैं। मौजूदा परिस्थिति में कोरोना को टाल नहीं सकते, लेकिन बचाव के उपाय जरूरी हैं। उन्होने बताया कि मेरे परिवार ने भी मुझे अपनी सेवाये देने के लिए प्रेरित करते है। जिससे मेरा हौंसला और बढ़ जाता है।