बड़ी खबर: STF साइबर क्राइम पुलिस की बड़ी कार्यवाही, 45,000 फर्जी सिम किए बरामद..
देहरादून: एसटीएफ की साइबर क्राइम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 45000 फर्जी सिम कार्ड बरामद किए। देश में एम2एम सिम के माध्यम से अपराध का राष्ट्रीय सुरक्षा का सनसनीखेज गंभीर मामले का उत्तराखंड एसटीएफ ने खुलासा किया। एसटीएफ की साईबर क्राईम पुलिस टीम द्वारा की गयी फर्जी सिम काडौँ की अब तक की सबसे बड़ी ऐतिहासिक बरामदगी है।
एसटीएफ साईबर क्राईम पुलिस टीम ने 80 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर एक अभियुक्त को चाँदनी महल क्षेत्र दिल्ली से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्त से हजारों की संख्या में फर्जी कम्पनी के नाम से लिये गये करीब 01 लाख 95 हजार रुपये के सिमकार्ड बरामद हुए। आरोपी द्वारा अभी तक 29,000 एयरटेल एवं 16,000 बोडाफोन-आईडिया के सिम कार्ड्स की खरीद फरोख्त की गयी है।
एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुये बताया कि कुछ दिन पहले एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें देहरादून निवासी शिकायतकर्ता फेसबुक माध्यम से एक वह्ट्सएप ग्रुप “T Rowe Price stock pull up group A82” में एड हुआ जहां स्टॉक ट्रेडिंग के बारे में जानकारी दी जा रही थी जिसके बाद अज्ञात व्यक्तियों द्वारा शिकायतकर्ता से सम्पर्क कर खुद को Indira Securities कम्पनी से बताकर ट्रेडिंग के लि एशिकायतकर्ता का खाता खुलवाया गया और अन्य वह्ट्सएप ग्रुप “INDIRA Customer care- A303” में एड कर एप डाउनलोड करने हके लिए लिंक दिया गया जहां स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश कर लाभ कमाने के नाम पर शिकायत कर्ता से भिन्न-भिन्न तिथियों में भिन्न-भिन्न लेन देन के माध्यम से कुल 80,00,000 रुपये की धोखाधड़ी की गयी।
इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 11/24 धारा 420,120 बी भादवि व 66 (डी) आईटी एक्ट बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत किया गया। इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये अनावरण के लिए साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसकी विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक विकास भारद्वाज के सुपुर्द की गयी।
मामले की जांच में सामने आया कि जिन मोबाईल नम्बरों से वादी को व्हाट्सएप कॉलिंग की गयी थी वह XENO TECHNOLOGY के नाम से मुदस्सिर मिर्जा पुत्र जुबैर मिर्जा निवासी तुर्कमान गेट चाँदनी महल दिल्ली के द्वारा प्राप्त किये गये थे जिसकी तलाश में एक एसटीएफ टीम को दिल्ली भेजा गया तो स्थानीय स्तर पर टीम द्वारा जानकारी एकत्रित करने के पश्चात उक्त मुदस्सिर मिर्जा को थाना चाँदनी महल क्षेत्र दिल्ली से गिरफ्तार किया गया तथा उसके कब्जे से लगभग 3000 सिम बरामद हुये हैं।
एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुये बताया कि पकड़े गये आरोपी मुदस्सिर मिर्जा ने पूछताछ में बताया कि उसके द्वारा कोरपोरेट आईड़ी के नाम पर हजारों की संख्या में एम2एम सिम कार्डस ISSUE कराये गये हैं जिनका प्रयोग व्हाटसएप पर अपने बिजनेस की मार्केटिंग करने के लिए बताया गया। इसके लिये उसके द्वारा मुम्बई, बोरीवली में एक ऑफिस किराये पर लिया और अपने कोरपोरेट आईडी पर अलग अलग समय पर एयरटेल से कुल 29,000 सिम, वोडाफोन- आईडिया के 16000 सिम कार्ड खरीदे गये जिन सिमों को मेरे द्वारा अपने अलग-अलग एजेण्टों को वितरित कर दिया गया है। मेरे पास अभी लगभग 3000 एयरटेल के सिम कार्ड बचे हुये थे जो पुलिस टीम को मैंने बरामद करा दिये हैं। एस0टी0एफ0 को पकडे गये अभियुक्त द्वारा आगे की महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी हैं जिस पर त्वरित कार्यवाही के लिये एसटीएफ की टीमों को विभिन्न स्थानों पर रवाना किया गया है।
गिरफ्तार अभियुक्त
मुदस्सिर मिर्जा पुत्र जुबैर मिर्जा निवासी 2820/1 पहाडी भोजा मार्ग, तुर्कमान गेट, थाना चाँदनी महल, दिल्ली उम्र- 29 वर्ष
कुल बरामदगी
1-01 मोबाईल फोन मय सिम कार्ड।
2- विभिन्न कम्पनियों के 3000 सिम कार्ड
अपराध का तरीकाः
अभियुक्त द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी कम्पनी तैयार कर उसके नाम पर सिम प्राप्त कर उन फर्जी सिमों के माध्यम से अपनी फर्जी वैब साईट पर स्वंय को “Indira Securities कम्पनी” के कर्मचारी / अधिकारी बताते हुये आम जनता की मेहनत की गाढी कमाई को हडपने हेतु व्हाट्सएप कॉल व मैसेज कर स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश की जानकारी देकर लाभ कमाने का प्रलोभन दिया जाता है व उन्हें विश्वास में लेकर विभिन्न फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर लिंक के माध्यम से विभिन्न App डाउनलोड कराकर इन्वेस्टमेण्ट के नाम पर धोखाधड़ी की जाती है तथा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि का प्रयोग करते हैं। गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा कनेक्शन के नाम पर हजारों की संख्या पर सिम कार्ड खरीदे गए जिसमे 29,000 सिम एयरटेल के एवं 16,000 सिम वोडाफोन आइडिया कंपनी के लिए गए। ये अपने गिरोह के साथियों के माध्यम से इन नंबरों पर ठगी करने हेतु वॉट्सऐप ऐक्टिवेट कराया जाता था और इन नंबरों को फिर फ़ोन से निकाल दिया जाता था। देश में विभिन्न पीड़ितों को इन व्हाट्सएप नंबर के माध्यम से टेलीग्राम इंस्टाग्राम फेसबुक एवं व्हाट्सएप पर विभिन्न इन्वेस्टमेंट योजना के माध्यम से लाखों से करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही है।
एम2एम संचार क्या है?
एम2एम संचार आमतौर पर मशीनों के बीच होता है, जहां नेटवर्क डिवाइस बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। यह रेगुलर सिम से अलग है जिसे एक फोन से दूसरे फोन में ट्रांसफर किया जा सकता है। डेबिट/क्रेडिट कार्ड स्वाइपिंग मशीन, पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) डिवाइस जैसे उपकरण एम2एम संचार में शामिल हैं। इस प्रकार के संचार का उपयोग गोदाम प्रबंधन, रोबोटिक्स, यातायात नियंत्रण, रसद सेवाओं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बेड़े प्रबंधन, रिमोट कंट्रोल और बहुत कुछ में भी किया जाता है। इसके अलावा, इसका उपयोग उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों के लिए किया जा रहा है।
पुलिस टीमः-
1- निरीक्षक विकास भारद्वाज
2- उ0नि0 राजीव सेमवाल
3- अपर उ0नि0 सुरेश कुमार
4- कानि० शादाब अली
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस०टी०एफ० उत्तराखण्ड श्री आयुष अग्रवाल द्वारा जनता से अपील की है कि ऑनलाईन जॉब अथवा इन्वेस्टमेण्ट/ ट्रेडिंग हेतु किसी भी फर्जी वेबसाईट, मोबाईल नम्बर, लिंक आदि का प्रयोग ना करें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु आवेदन करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भर्ती भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें। वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें। इसके अतिरिक्त गिरफ्तारी के साथ-साथ साईबर पुलिस द्वारा जन जागरुकता हेतु अभियान के अन्तर्गत हैलीसेवा वीडियो साइबर पेज पर प्रेषित किया गया है।