शिक्षा प्रणाली की बदहाली को बयां करती ये रिपोर्ट।
विजय रावत
उत्तराखंड सरकार बच्चों के शिक्षा के प्रति कितनी जागरूक है। इसका जीता जागता मामला नागनाथ पोखरी में सामने आया है जिसमें बीएससी की एक छात्रा पूर्वशी को उस विषय मे भी 21 नंबर दे दिए गए जिसका उसने कोई परीक्षा ही नही दी थी जबकि बीएससी में वंहा 75 छात्र पड़ते है और मात्र 3 को ही पास किया गया।
जबकि अन्य छात्रों द्वारा पैपर पूर्ण रूप से दिए गए थे। बीए में भी 200 छात्रों में मात्र 50 को ही पास किया गया। यह कॉलेज श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी से एफिलेटेड है। छात्रों के भविष्य के साथ ऐसी बड़ी लापरवाही यंहा की शिक्षा प्रणाली की पोल खोलती है ओर शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता को भी बयां करती है।
सरकार भले ही बच्चों के भविष्य को सजक करने के लाख वादे करे लेकिन यंहा की शिक्षा प्रणाली सरकार के वादों ओर पूरी शिक्षा जगत की पारदर्शिता की पोल खोलती है ।
लेकिन सरकार अपनी लापरवाही ओर अनियमितताएं में इतनी व्यस्त हो चुकी है कि उन्हें अब कोई फर्क नही पड़ता।
छात्र अब आंदोलन करने को उग्र है और सरकार अपने तानाशाही रवय्या छोड़ने को तैयार नही।
श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नही इस से पहले भी ऐसी घोर लापरवाही के कई मामले सामने आ चुके है।