बद्री केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ दी। उनका कहना है कि वे कई बार कह चुके हैं कि उन्हें इस पद से हटा दिया जाए। सिंह ने कहा कि सारे फैसले समिति की मंजूरी के बाद ही किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि वे कई बार कह चुके हैं कि मुझे इस पद से हटा दिया जाए। एक बार तो उन्हें मूल विभाग वन में भेजने का आदेश भी हो गया। लेकिन बाद में फिर रोक लिया गया। लंबे समय से हाई एटीट्यूट पर काम करने से उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
बीडी सिंह ने पूर्व वन मंत्री के पत्र में उठाए गए सवालों पर कहा कि सारे फैसले समिति बोर्ड की मंजूरी और फिर अध्यक्ष के अनुमोदन के बाद ही लिए गए हैं। कई मंदिर समितियों को पैसा भी बोर्ड की मंजूरी के बाद ही दिया गया है। कई साल से एंबुलेस का पंजीकरण नहीं होने से वह बेकार खड़ी थी। बाद में गढ़वाल आयुक्त के आदेश में उस एंबुलेंस को रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय को दे दिया गया है।
सीईओ ने कहा कि एक्ट के मुताबिक सिविल सेवा के अलावा अन्य राज्य सेवा के अफसर भी इस पद पर आ सकते हैं। रही बात ज्यादा समय तक प्रतिनियुक्ति की तो वे इस बारे में अफसरों से लगातार कह रहे हैं कि उन्हें इस पद से अब हटा दिया जाए।