त्रिवेंद्र रावत की अव्यवस्थित सरकार। दे देना चाहिए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा
– कभी विधायकों पर तो कभी विधायकों की सरकार पर इल्जाम
– राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल व मेडिकल कालेज को नहीं संभाल पा रहे
देहरादून। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैंट विधानसभा प्रभारी रविंद्र सिंह आनंद ने मीडिया को जारी एक ब्यान में कहा कि, यदि सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार चलाने में विफल हैं तो उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। रविन्द्र ने कहा कि, नेपाल सीमा से जुड़े, टनकपुर जौलजीबी मार्ग को लेकर ठेका आवंटन में हुई गड़बड़ी को लेकर सरकार अब पूरी तरह से बैकफुट पर नजर आ रही है। वहीं स्थानीय बीजेपी विधायक इस मामले में सरकार के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं।
जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाली सरकार का इस मामले में बैकफुट पर आना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। वहीं दूसरी ओर बात करें तों इनके विधायकों पर बलात्कार के इल्जाम लगाए जा रहे है, जिसमें कि सीएम को तुरंत हस्तक्षेप कर महिला को इंसाफ दिलाना चाहिए था। उस मामले में भी सरकार बैकफुट पर है।
इन सभी मामलों के बीच यदि राजधानी की बात करें तो राजधानी में प्रशासन और निगम व्यवस्था की पोल हाल ही में हुई बारिश ने खोलकर रख दी है। राजधनी के सबसे बड़े अस्पताल जो की कोविड केयर सेंटर भी है में पानी का भर जाना और समय पूर्व कोई व्यवस्था न होना यह दर्शाता है कि, सरकार मरीजों को लेकर कितनी लापरवाह है।
सीएम साहब इस वक्त केवल कागजी घोषणाओं पर लगे है जबकि राजधानी में आम आदमी मूल सुविधाओं से ही त्रस्त है। जिस तरह से सभी मौहल्लों, अस्पताल आदि में पानी भरने से इतना नुकसान हुआ और सीएम साहब ने झांका तक नहीं इससे यह स्पष्ट होता है कि, उन्हें जनता की कोई चिंता नहीं है।
आनंद ने कहा कि, आम आदमी पाटी चाहती है कि यदि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत यह डबल इंजन की सरकार जिसके बनने पर कई बड़े-बड़े दावे किए गए थे, को नहीं चला पा रही है तो उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।