देहरादून दून अस्पताल में कोरोना काल के दौरान कार्यरत किए गए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से किए वादे से मुकर गए स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत।
आपको बता दें कि आज अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के दिन भी उत्तराखंड में कार्यरत नर्सों की हालत लचर हो रखी है। 50 दिन से धरने पर बैठे स्वास्थ्य कर्मियों को कल स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत द्वारा आश्वासन दिया गया था कि कैबिनेट की दूसरी बैठक में सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों के नियमितीकरण के मुद्दे पर मुहर लगा दी जाएगी।
आपको बता दें कि दूसरी कैबिनेट बैठक के फैसले आ चुके हैं जिस पर स्वास्थ्य कर्मियों के नियमितीकरण का मुद्दा दूर दुर तक कहीं उठा ही नहीं। धरने पर बैठे स्वास्थ्यकर्मी स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत से उम्मीद लगाए बैठे थे कि आज कहीं ना कहीं उनके हित में कैबिनेट में बात होगी।
लेकिन कैबिनेट के फैसले आने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा जिसके बाद धरने पर बैठे कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाए।
बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के दिन उत्तराखंड की नर्सों को सड़कों पर बैठना पड़ रहा है और सवाल यही नहीं यह भी उठता है कि आखिर उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था कब तक सड़कों पर ही बैठी रहेगी ?