विस्तापन में ग्रामीण, आखिर कब बनेगा आशियाना
रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
देवाल। देवसारी एवं सरकोट गांव के अंतर्गत सोड़िग एवं सोड़िग लग्गा त्रिकोट के ग्रामीणों ने एसजेवीएन के तहत प्रस्तावित 252 मेगावाट परियोजना के तहत भूमि एवं मकानों का मुआवजा राशि वर्तमान बजट दर से देने की मांग की हैं। पिंडर नदी पर प्रस्तावित 252 मेगावाट की एक बिजली परियोजना प्रस्तावित है। इस के तहत सोड़िग एवं सोड़िग लग्गा त्रिकोट गांव के कई परिवार पूर्ण विस्थापन की श्रेणी में आ गयें हैं। किंतु मुवावजे को लेकर लम्बे समय से कार्यदायी संस्था एसजेवीएन एवं प्रभावितों के बीच गतिरोध कायम हैं।
इस मामले में देवाल के ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू की मध्यस्थता में प्रभावितों एवं एसजेवीएन के अधिकारियों के बीच ब्लाक सभागार में एक बैठक आयोजित हुई। इस में प्रभावितों ने भूमि व मकानों की राशि वर्तमान बाजार दर से दिए जाने, पूण विस्थापित होने वाले परिवारों से एक व्यक्ति को कंपनी में स्थाई रोजगार दिए जाने, विस्थापित होने वाले परिवारों की संपूर्ण भूमि का मुआवजा दिए जाने आदि की मांग उठाई। जिस पर एसजेवीएन के उप महाप्रबंधक आशुतोष बहुगुणा ने आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
बैठक के बीच में ही प्रभावितों की समस्या को लेकर प्रमुख दर्शन दानू ने जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया से मोबाइल पर वार्ता की जिस पर डीएम ने ग्रामीणों, एसजेवीएन के बीच जल्द एक बैठक कर समस्याओं के निपटारे का आश्वासन दिया। बैठक में प्रधान संघ अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट, देवसारी के क्षेपंस रमेश राम, सरकोट प्रधान सुनिता तिवारी, सोड़िग के गोपाल बिष्ट, तुलसी देवी, राजेंद्र बिष्ट आदि ने विचार व्यक्त किए।