आज राहत के साथ कोरोना के ताज़ा आंकड़े बड़े केस तो स्वास्थ भी हुए
प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। एक ओर सरकार कोरोना की रफ्तार को कम करने के भरसक प्रयास कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर संक्रमितों का आंकड़ा है, जो कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार ने कोरोना के बढ़ते ग्राफ को कम करने के लिए कोविड कर्फ्यू लगाया तो लोग है की कर्फ्यू की मजाक बना बेवजह सड़कों पर खुलेआम घूम रहे है। वहीं आज प्रदेश में 5,541 कोरोना मरीज सामने आए है, जबकि 168 लोगों की मौत भी हुई है। इसके साथ ही 4887 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर को लौटे है।
आज इन जिलों में मिले संक्रमित
● देहरादून में 1857
● हरिद्वार में 591
● ऊधमसिंहनगर में 717
● नैनीताल में 517
● पौड़ी में 335
● टिहरी में 371
● अल्मोड़ा में 87
● उत्तरकाशी में 371
● चंपावत में 228
● रुद्रप्रयाग में 158
● बागेश्वर में 96
● चमोली में 210
● पिथौरागढ़ में 103
इसके साथ ही हरिद्वार के ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना से डर का माहौल है। कुछ गावँ तो ऐसे है, जिनमें ज्यादातर घरों में कोरोना पहुंच गया है। हरिद्वार में शहरी क्षेत्र से सटे घनी आबादी वाले गावँ सराय में लोग कोरोना से दहशत में है। गावँ में एक परिवार में करीब आधा दर्जन लोग कोरोना की चपेट में आ गए थे, जिनमें से परिवार के एक जवान सदस्य सहित 2 लोगों की हॉस्पिटल में बैड और ऑक्सीजन नहीं मिलने से घर के बुजुर्गों की आंखों के सामने ही मौत हो गई थी।
हरिद्वार के व्यावसायिक क्षेत्र ज्वालापुर से सटे सराय गावँ में कोरोना घर-घर में दस्तक दे रहा है। गावँ में शायद ही कोई घर कोरोना की चपेट में आने से बच पाया होगा। गावँ में ही एक ही परिवार के आधा दर्जन लोग कोरोना संक्रमित हो गए थे, अस्पतालों में ना तो जगह मिली और ना ही परिवार की आर्थिक हालात अस्पतालों के खर्च उठाने लायक थी। यह घर के ज्यादातर सदस्य घरेलू उपचार करते रहे, मगर परिवार के 2 सदस्यों को कोरोना ने असमय ही लील लिया।
गावँ के एक बुजुर्ग कोरोना से अपने भतीजे की मौत की बात बताते हुए भावुक हो गए। उनकी आंखें नम हो गई थी। कोरोना से बचने के लिए लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन कर रहे है। घरों में भी मास्क का और सामाजिक दूरी का पालन कर रहे है।
शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है। इसको लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी काफी भयभीत नजर आ रहे हैं। कई लोग ग्रामीण क्षेत्र में भी अपनी जान गंवा चुके हैं इसी को देखते हुए ग्रामीण अब अपने घरों में भी भारत सरकार की गाइड लाइन का पालन कर रहे हैं। मगर स्वास्थ्य सुविधा कम होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।