कई राज्यो में तमाम विरोध के बावजूद अग्नि पथ योजना से केंद्र सरकार पीछे नहीं हटी। साथ ही भारतीय वायु सेना ने ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना को लेकर रविवार को डिटेल जारी किया।
इसके तहत वायुसेना की ओर से चयन प्रक्रिया 24 जून से शुरू हो रही है। वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने कहा कि 2022 के • लिए अग्निपथ योजना के तहत ( सशस्त्र बल में) भर्ती किए जाने वालों की उम्र सीमा बढ़ा कर 23 वर्ष कर दी गई है, जिससे सशस्त्र बल में भर्ती के नए ‘मॉडल के तहत युवाओं के बड़े हिस्से को शामिल किया जा सकेगा।
अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों में चार साल की अल्पकालिक सेवा मुहैया कराती है, जबकि रंगरूटों में से 25 प्रतिशत को करीब 15 वर्षों की नियमित सेवा के लिए सैन्य बलों में बरकरार रखा जाएगा। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, “सरकार सशस्त्र बलों में भर्ती के • लिए हाल में अग्निपथ योजना लाई है। योजना के लिए • न्यूनतम उम्र साढ़े 17 वर्ष और अधिकतम उम्र सीमा 21 साल है। मैं यह सूचित करते हुए खुश हूं कि पहली भर्ती के लिए ऊपरी उम्र सीमा बढ़ा कर 23 साल कर दी गई है।”
अग्निवीरों की भर्ती को लेकर अहम जानकारियां
- भारतीय वायुसेना के अग्निवीर सर्विस के दौरान अपनी यूनिफॉर्म पर एक विशेष प्रतीक चिन्ह पहनेंगे।
- अग्निवीर सम्मान और पुरस्कार के हकदार होंगे।
- भारतीय वायुसेना अग्निवीरों का केंद्रीकृत उच्च गुणवत्ता वाला ऑनलाइन डेटाबेस बनाए रखेगी। इसमें अग्निवीरों की ओर से प्राप्त कौशलों को दर्ज किया जाएगा और उनका मूल्यांकन किया जाएगा।
- भारतीय वायुसेना के अग्निवीरों को प्रति वर्ष 30 छुट्टियां और चिकित्सकीय सलाह के आधार पर अन्य छुट्टियां मिलेंगी।
- असाधारण मामलों को छोड़कर चार साल पूरे होने से पहले खुद की अपील पर अग्निवीरों को रिहा नहीं किया जाएगा।
- इस योजना के तहत नामांकित व्यक्तियों को निश्चित
वार्षिक वेतन वृद्धि के साथ 30,000 रुपए प्रति माह के
अग्निवीर पैकेज का भुगतान किया जाएगा। इसके
अलावा यूनिफॉर्म और यात्रा भत्तों का भुगतान होगा।
- एक समर्पित अग्निवीर कॉर्पस फंड बनाया जाएगा, जो समाप्त नहीं होगा। प्रत्येक अग्निवीर आय का 30% इस कोष में योगदान देगा। सरकार पब्लिक प्रोविडेंट फंड के बराबर ब्याज दर मुहैया कराएगी।
- चार साल के बाद अग्निवीर सेवा निधि पैकेज प्राप्त करने के लिए हकदार होंगे, जो कि कॉर्पस फंड में उनके मासिक योगदान की राशि और ब्याज के साथ सरकार के योगदान को शामिल करेगा। यह आयकर से मुक्त होगा।