देहरादून: कांग्रेस में विधानसभा चुनाव हार को लेकर अभी भी कांग्रेस में आपसी लड़ाई थम नहीं रही। पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रीतम कैंप पर निशाना साधते हुए कहा कि विधान सभा चुनाव 2022 का हार का ठिकरा मेरे ही सिर पर क्यों फोड़ा जा रहा है।
विधानसभा चुनाव 2022 में हार का ठीकरा अपने सिर फोड़े जाने से नाराज पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी तेवर थोड़े तल्ख कर लिए।
हरदा बोले जहां जहां मैं सांसद रहा वहां कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी।
अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखते हुए हरीश रावत ने कहा कि मेरे कई अच्छे दोस्त यह सोचकर के चलते हैं कि हरीश रावत नहीं होता तो उन्हें दुनिया की न जाने क्या-क्या दौलत व पद मिल जाते। वह जब शादी-विवाह में भी जा रहे हैं तो लोगों के बीच में एक ही बात कह रहे हैं कि हरीश रावत ने पार्टी को हरवा दिया नहीं तो कांग्रेस की सरकार बन जाती।
हरदा बोले मैं आप सब लोगों से यह प्रार्थना करना चाहता हूं कि ऐसे लोगों से इतना तो जरूर पूछ लीजिए कि उन्होंने इस चुनाव में किस कांग्रेस उम्मीदवार को जीताया और उनके अपने गृह क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार की उनके विषय में क्या राय है? जिताने के लिए काम किया या हराने के लिए काम किया!
साथ ही उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा से सांसद रहा, उधमसिंहनगर से सांसद का चुनाव लड़ा और हरिद्वार से सांसद रहा, तीनों संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी है।
जहां चुनाव हारे हैं, वहां तुलनात्मक रूप में अच्छी तरह टक्कर देकर के हारे हैं। राज्य भर में जिन कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ मेरा नाम जुड़ा हुआ है, उन्होंने भी चुनाव में अच्छी टक्कर दी है। क्या यही स्थिति सारे राज्य भर में है? फिर मुझ पर ही दोषारोपण क्यों? मैं पार्टी के किसी भी फोरम में इस पर बात करने के लिए तत्पर रहूंगा।
विधानसभा चुनाव में हार का ठीकरा अपने सिर फोड़े जाने से नाराज पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी तेवर थोड़े तल्ख कर लिए। बकौल रावत, जहां जहां मैं सांसद रहा वहां कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी। जिन कांग्रेस प्रत्याशियों का नाम मेरा साथ जुड़ा है, उन्होंने भी भाजपा को लोहे के चने चबवा दिए थे।
लेकिन क्या यह स्थिति पूरे प्रदेश में है? मैं पार्टी के फोरम पर इस विषय पर बात करने को तत्पर रहूंगा। रावत का परोक्ष निशाना पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह कैंप पर है। प्रीतम कैंप अक्सर यह राय जाहिर करता रहा है कि विस चुनाव में हार के लिए कहीं न कहीं रावत की कार्यशैली ही जिम्मेदार रही है।
विस चुनाव में हार, गुटबाजी को लेकर लंबे समय से शांत कांग्रेस में आज रावत के ताजा बयान ने हलचल पैदा कर दी है। रावत ने आज सोशल मीडिया पर कहा कि, मेरे कई अच्छे दोस्त यह सोचकर के चलते हैं कि हरीश रावत नहीं होता तो उन्हें दुनिया की न जाने क्या क्या दौलत व पद मिल जाते ।
वे लोग जब शादी-विवाह में भी जा रहे हैं तो लोगों के बीच में एक ही बात कहते हैं कि हरीश रावत ने पार्टी को हरवा दिया। वर्ना प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन जाती। रावत ने कहा कि ऐसे लोगों यह जरूर पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने इस चुनाव में किस कांग्रेस • उम्मीदवार को जिताया?
और उनके अपने गृह क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार की उनके विषय में क्या राय है? उन्होंने उसे जिताने के लिए काम किया या हराने के लिए काम किया? रावत ने कहा कि वो अल्मोड़ा व हरिद्वार से सांसद रहे। यूएसनगर से सांसद का चुनाव लड़े। तीनों संसदीय क्षेत्रों में कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी है।
जहां चुनाव हारे हैं, वहां तुलनात्मक रूप में अच्छी तरह टक्कर देकर के हारे हैं। राज्य भर में जिन कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ मेरा नाम जुड़ा हुआ है, उन्होंने भी चुनाव में अच्छी टक्कर दी है। क्या यही स्थिति सारे राज्य भर में है? फिर मुझ पर ही दोषारोपण क्यों? मैं पार्टी के किसी भी फोरम में इस पर बात करने के लिए तत्पर रहूंगा।