देहरादून। उत्तराखंड के दूरदराज के सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की अपनी ही मनमानी चलती है। देहरादून के विकाश नगर से मामला सामने आ रहा है जहा पर बाल विकास परियोजना का कालसी दफ्तर खाली पड़ा था दोपहर एक बजे तक इस दफ्तर में कोई भी कर्मचारी या अधिकारी मौजूद नहीं था।
एक जागरूक अधिकारी ने इसका वीडियो बनाकर आला अफसर को भेजा। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने सभी का जुलाई माह का वेतन रोकने का आदेश दिया है।
आदेश में जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार मिश्रा ने कहा है कि उनके मोबाईल पर 13 जुलाई को अपरान्ह एक बजे किसी व्यक्ति ने एक वीडियो भेजा। इसमें बाल विकास परियोजना कार्यालय कालसी, देहरादून में कार्यालय समय में कोई भी कार्मिक उपस्थित नहीं था। यह एक गम्भीर विषय है। बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा स्वय तथा किसी भी कार्मिक के अवकाश या भ्रमण कार्यक्रम की कोई भी सूचना तथा जानकारी को उपलब्ध नही कराई गई है।
आदेश में कहा गया है कि मुख्य सचिव ने राज्य के समस्त राजकीय कार्यालयों में कार्यरत समस्त सेवाओं के समस्त अधिकारी / कार्मिक, आउटसोर्स कार्मिक, होमगार्ड व पी०आर०डी० आदि पर बायोमैट्रिक प्रणाली की व्यवस्था पूर्व की भाँति सुचारू किये जाने एवं समय से कार्यालय में उपस्थित होने एवं समय से कार्यालय छोड़ने के बारे में निर्देश जारी किये गये हैं।
इसके बाबजूद भी कार्यालय से कार्मिकों का अनुपस्थित रहना उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना के साथ-साथ कर्मचारी आचरण नियमावली का घोर उल्लघन है।
अतः उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना तथा कार्यालय समय पर कार्यालय से अनुपस्थित रहने पर तत्काल प्रभाव से बाल विकास परियोजना कालसी, देहरादून के (अनिल कुमार खत्री, प्रशासनिक अधिकारी जो निदेशालय में पूर्व से ही सम्बद्ध है) को छोड़कर समस्त कार्मिकों का माह जुलाई 2022 का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोका जाता है।