मशहूर उर्दू शायर मुनव्वर राणा का निधन।
मुनव्वर राणा, जो 26 नवंबर 1952 को रायबरेली में पैदा हुए थे, उन्हें उर्दू साहित्य के अद्भुत शायरों में से एक माना जाता है। उनका शायरी करने का तरीका अद्वितीय था और उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई।
उन्होंने साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद भी, उनका योगदान सिर्फ उर्दू साहित्य में ही नहीं, बल्कि समाज में भी अद्वितीय रूप से महत्वपूर्ण रहा। उनकी कविताएं और ग़ज़लें गहरे भावनाओं को सुनहरे शब्दों में पिरोकर प्रस्तुत करती थीं, जिससे उनके पठकों के दिलों में स्थान बना रहा।

बीते दिनों किडनी संबंधित परेशानियों के बाद उन्हें लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। यहां वह आईसीयू वार्ड में भर्ती थे। रविवार देर रात साढ़े 11 बजे के आसपास उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनके इंतकाल ने साहित्य जगत को एक महत्वपूर्ण शिक्षा दी है कि सुप्रसिद्ध शख्सियतें हमें केवल अपनी शायरी से ही नहीं, बल्कि अपनी अमूर्त प्रेम की बहुत गहराईयों से भी नजर आती हैं।