उत्तराखंड : में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान सरकार ने बहुत बड़े-बड़े दावे किए थे प्रचार किया था यहां तक की धामी सरकार को बुलडोजर बाबा 2 के नाम से भी जाना जाने लगा था। पूरे राज्य में सरकार की वाहवाही हो रही थी, लोग सरकार के इस फैसले पर तालियां तक बज रहे थे। जब अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान लैंड जिहाद के नाम पर मजारों को तोड़ा जा रहा था तो लोग सरकार की वाह वाही करते थक नहीं रहे थे यहां तक की कुछ संगीतकारों ने धामी के ऊपर गाने भी बना दिए थे जैसे “धामी तेरो हाय कमाल”
लेकिन सरकार के वन अतिक्रमण अभियान की पोल एक आरटीई एक्टिविस्ट ने खोल दी दरअसल अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान वनों से जो अतिक्रमण हटाए गए वह टोटल वनों का 10% भी नहीं है प्रदेश के 11,814.47 हैक्टेयर वन भूमि में हुए अतिक्रमण में से केवल 1,254.67 हैक्टेयर भूमि ही सरकार खाली कराने में कामयाब रही।
इस अभियान के ढकोसले का खुलासा हल्द्वानी निवासी हेमंत गोनिया आर.टी.आई एक्टिविस्ट के द्वारा किया गया।
दरसल आर.टी.आई. एक्टिविस्ट हेमंत गौनिया द्वारा मांगी गई एक जानकारी में मुख्य वन संरक्षक डॉ.पराग मधुकर धकाते द्वारा बीती 16 अक्टूबर को जारी पत्र में सूचना दी गई , प्राप्त सूचना के अनुसार 31 मार्च 2020 तक प्रदेश के 11,814.47 हैक्टेयर वन भूमि में अतिक्रमण हुआ है। इसमें से केवल 1,254.67 हैक्टेयर भूमि को ही खाली कराया जा सका है। वनों से अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी के रूप में सरकार ने डॉ.धकाते को नियुक्त किया है। जानकारी में कहा गया है कि ऊत्तराखण्ड के दस वन प्रभागों और नैशनल पार्कों में से देहरादून और उत्तरकाशी जिले में यमुना वृत्त, जिसमें मसूरी, चकराता, अपर यमुना और टोंस वैन प्रभाग आता है में 111.75 हैक्टेयर भूमि में कब्जा था जिसमें से 36.83 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है।
देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी जिले के हरिद्वार, कालसी, देहरादून और लैंसडाउन क्षेत्र के शिवालिक वृत्त में 632.73 हैक्टेयर भूमि में कब्जा था, जिसमें से 73.54 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है। टिहरी और उत्तरकाशी जिले में पड़ने वाले टिहरी, उत्तरकाशी और नरेंद्रनगर के भागीरथी वृत्त में 77.97 हैक्टेयर भूमि में कब्जा था, जिसमें से 20.26 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है। रुद्रप्रयाग, पौड़ी और चमोली जिले में पड़ने वाले रुद्रप्रयाग, पौड़ी, बद्रीनाथ, गढ़वाल और अलकनंदा वन प्रभाग के गढ़वाल वृत्त में 1472.4 हैक्टेयर भूमि में कब्जा था जिसमें से 182.02 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है। नैनीताल और उधमसिंह नगर जिले के हल्द्वानी, रामनगर, तराई केंद्रीय, तराई पश्चिमी और तराई पूर्वी के पश्चिमी वृत्त की 9317.67 हैक्टेयर भूमि में कब्जा था जिसमें से 815.86 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है। बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिले में बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, सिविल सोयम अल्मोड़ा के उत्तरी कुमाऊं वृत्त में 157.29 हैक्टेयर भूमि में कब्जा था जिसमें से केवल 4.24 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाया जा सका है। नैनीताल, अल्मोड़ा और पौड़ी जिले के नैनीताल, भूमि संरक्षण नैनीताल, भूमि संरक्षण रानीखेत और भूमि संरक्षण रामनगर के दक्षिणी कुमाऊं वृत्त में 15.87 हैक्टेयर भूमि में कब्जा था जिसमें से 5.00 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाया जा सका है। नैनीताल और पौड़ी जिले में पड़ने वाले कॉर्बेट नैशनल पार्क और कालागढ़ टाइगर रिजर्व के निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 9.11 हैक्टेयर भूमि में कब्जा था, जिसमें से 96.83 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है। देहरादून और उत्तरकाशी जिले में पढ़ने वाले राजाजी नैशनल पार्क, गोविंद पशु विहार और गंगोत्री पशु विहार के निदेशक राजाजी की 5.09 हैक्टेयर भूमि में कब्जा था, जिसमें से 2.93 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण को हटा दिया गया है। इसके साथ ही चमोली जिले में केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग और नंदादेवी राष्ट्र पार्क के निदेशक नंदादेवी बायोस्फियर रिजर्व में 14.59 हैक्टेयर भूमि में कब्जा था जिसमें से 15.16 हैक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है।