पर्यटन मंत्री की उपलब्धि धरातल से नदारद। ग्रामीणों में आक्रोश
रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
सतपुली। विगत दिनों में एक उद्घाटन समारोह में प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से हमारे द्वारा 5 साल की उपलब्धि के बारे में प्रश्न पूछा था, जिसके उत्तर में सतपाल महाराज ने कहा था कि, उन्होंने उपलब्धियों की पूरी पुस्तिका छापी हैं।
फिर जब उपलब्धि पुस्तिका को हमारे द्वारा विधानसभा क्षेत्रों में लोगो तक पहुंचाया गया तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
सबसे पहले जो मामला सामने आया है, वो है ग्राम कांडातल्ला कांडाखाल मंदिर सौंदर्यकरण का जिसकी स्वीकृति धनराशि 5 लाख है, लगभग ये कार्य 2018 का बताया जा रहा है। जो महाराज की उपलब्धि पुस्तिका के पेज नम्बर 13 में नम्बर 5 पर उपलब्धि को दर्शाया गया है।
लेकिन ये उपलब्धि धरातल पर मौजूद नही है। इसके बारे में महाराज के PRO राय सिंह नेगी से हमारे द्वारा पूछा गया तो शायद उनको भी उपलब्धि इस उपलब्धि का पता नहीं है।
इस मामले में आज स्थानीय समाजसेवी मुकेश चंद्र सिंह रावत की अगुवाई में ग्राम वासियों ने मंदिर प्रांगण में बैठक की। जिसमे अन्य कई उपलब्धियों पर भी सवालिया निशान खड़े हुये।
जिनमे राजकीय इंटर कॉलेज में अतिरिक्त कक्ष जो 4 साल से तैयार खड़ा है। लेकिन उसे विभाग के हैंडओवर नही किया गया है, और साथ में कफलडी गांव में जो सोलर पम्पिंग योजना बनी है, वो पिछले विधायक की उपलब्धि है।
ऐसे ही पेज नम्बर आठ के 17 नम्बर उपलब्धि राजकीय इंटर कॉलेज कांडाखाल तक सड़क निर्माण 36 लाख रुपए भी धरातल से गायब है।
स्थानीय समाजसेवी मुकेश चंद्र सिंह रावत का कहना है कि पिछले चुनाव में हमारी न्याय पंचायत नम्बर पहले स्थान पर थी भाजपा को वोट देने में ,शायद इसी का इनाम क्षेत्र वासियो को महाराज ने दिया कि उनके लिये पूरे पांच साल में कुछ भी सही कार्य धरातल पर नही हुये है हा कागजों में भारी भरकम काम हुआ है इसका खामियाजा भाजपा 2022 में भुगतेगी
ग्राम प्रधान सुरेश चंद्र कहते हैं जब उपलब्धि पुस्तिका में कार्य छपा है तो धरातल तक क्यो नही पहुचा जो भी कार्यदाही संस्था है उनपर त्वत्रित कार्यवाही की जाए
सबसे अहम बात ग्राम सभा के उपप्रधान मुकेश नेगी ने कही उन्होंने बताया कि सरकार केवल कागजो में उपलब्धियों को गिना रही है जबकि धरातल कोई योजना नही पकड़ पाई, स्वरोजगार ऋण रसूखदारों को मिला गरीबों को नही, सरकार ने 2017 में पूरे ब्लॉक ज़हरीखाल को खुले में शौच मुक्त कर देने का दावा किया था लेकिन मेरी ग्राम सभा में आज भी 20 से ऊपर गरीब परिवार खुले में शौच जाने को मजबूर हैं इनमें कई परिवारों में बुजुर्ग लोग हैं।
यदि बात पते कि की जाय तो लगता है कि इस पुस्तिका में जो ताबड़तोड़ उपलब्धिय दर्शाई गई है उनमें कई उपलब्धिय उपरोक्त की तरह ही धरातल से नदारद होंगी।