व्यापारी ने लगाए व्यापार मंडल पदाधिकारी पर गंभीर आरोप। वीडियो वायरल
रिपोर्ट- दिलीप अरोरा
किच्छा। किसान संगठनो ने भारत बंद की घोषणा कुछ दिन पूर्व की थी। साथ ही इस बंद को देश की राजनितिक पार्टियों मे से कुछ ने अपना समर्थन भी दिया था। उत्तराखंड मे भी बंद को सफल बनाने हेतू किसान संगठनों ने कमर कसी हुई थी, और राजनितिक पार्टियों से साथ ही समाजिक संगठनों से सहयोग की उम्मीद भी रखी थी। ऐसा हुआ भी, बंद से एक दिन पहले शहर मे किसानो और व्यापार मंडल के ग्रुपो के बिच मीटिंग हुई और शहर के तीनो व्यापारी संगठनों ने अपना समर्थन भारत बंद को इस शर्त पर दिया कि, व्यापारियों के साथ बंद को लेकर कोई भी किसान नेता जबरदस्ती नहीं करेगा।
इसके बाद बंद को लेकर शहर मे एक अलाउन्समेन्ट करा दिया गया कि, कल बजार बंद रहेगा और व्यापार मंडल ने समर्थन दे दिया है। जिस दिन भारत बंद था उस दिन बंद कराने वालो मे किसानो की संख्या न के बराबर दिखी, लेकिन इसमें कांग्रेस पार्टी के नेताओं और इनके साथ व्यापार मंडल अध्यक्ष और कुछ जगह कोषाध्यक्ष भी चुस्ती-फुर्ती के साथ बजार बंद कराते दिखे।
इस दौरान अध्यक्ष के खिलाफ एक जगह नारे बाजी भी हुई। इस बंद मे सप्ताहिक बजार को भी बंद रखने की घोषणा के साथ-साथ फड वालो को भी अपने फड बंद रखने को कहा गया था। लेकिन यह बंद और व्यापारी नेताओं का इस बंद को समर्थन तब से सुर्खिया ही बटोर रहा है। साथ ही प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल की खूब किरकिरी हुई है।
देखें वीडियो:-
बता दें कि, अभी दो दिन पूर्व शहर मे एक वीडियो सामने आयी, जिसमे बंद के दौरान व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष की दुकान चोरी-चोरी खुली दिखी और फिर अध्यक्ष के भाई की आडत खुलने की चर्चा ने भी जोर पकड़ा। इस वाक्यों से व्यापारियों मे इन नेताओं के प्रति नराजगी बढ़ गयी। इस वीडियो के बजार मे फैलने के बाद वीडियो बनाने वाले व्यक्ति के प्रति नेता जी का गुस्सा भी भड़का, जिसके बाद उनकी वीडियो बनाने वाले से जमकर बहस हुई और चर्चाओ की माने तो बाद मे उसने नेता जी से माफ़ी भी मांगी।
लेकिन अभी यह वीडियो की चर्चा पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुई थी। अब एक नई वीडियो सामने आयी है, जिसमे बताया जा रहा है कि, कुछ मीडिया कर्मी भारत बंद के दिन डीडी चौक किच्छा मे शहर के एक व्यापारी से बात कर रहे है और उक्त व्यापारी उस वीडियो मे प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के एक जिला पदाधिकारी पर गुस्सा हो रहा है। यही नहीं वह उन पर गंभीर आरोप लगा रहा है। साथ ही इस बंद को गलत बताते हुए कह रहा है कि, गरीब दुकानदारों की दुकाने बंद करा दी, फड वालो को भी मना कर दिया। जो गलत है। मै इसका विरोध करता हूं।
क़ानून जरूर गलत हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं की गरीब दुकानदारों की दुकाने भी बंद कराई जाये।बाकि तो वीडियो मे आप सुन भी सकते है और देख भी सकते है कि, क्या आरोप लगे है, इस पदाधिकारी पर। फिलहाल इस पर पदाधिकारी का पक्ष सामने नहीं आया है। लेकिन अब यह वीडिओ भी क्षेत्र मे चर्चा का विषय बनती जा रही है।
सबके मन मे यह सवाल अब हिलोरे लेता दिख रहा है कि, इस व्यापारी ने उक्त व्यापार मंडल के पदाधिकारी पर गंभीर आरोप क्यों लगाए और इसमें कितनी सचाई है, यह विचारणीय बात है।
लेकिन अगर धुआँ उठा है, तो कही तो कोई चिंगारी सुलगी होगी। अब व्यापारी का यह आरोप निराधार है या इसकी कोई जमीनी हकीकत है भी या नहीं, इसका पता नहीं। यह तो आरोप लगाने वाला अच्छे से जनता होगा। क्योंकि वीडियो मे इसने साफ कहा है कि, मैंने अपने कानो से सुना है।
इसमें कोई दुश्मनी है यह कोई राजनीती या फिर हकीकत यह जाँच ही सामने ला सकती थी। जिसका कोई किसी ने फिलहाल जिक्र नहीं किया है। क्योंकि इस वीडियो के अंत मे जो आरोप पदाधिकारी पर लगा है और यदि यह सही है तो वह समाजिक दृष्टि से सही नहीं माना जायेगा।
जल्द मे ही आयी दो नेताओं की वीडियो ने प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल की साख पर बट्टा बैठाने वाला कार्य किया है। ऊपर निचे जल्दी-जल्दी दो वीडियो वायरल होने से विरोधी गुटों को भी अब खिचाई करने का अवसर इन वीडियो ने जरूर दे दिया है।