रिपोर्ट : इंद्रजीत असवाल
- योजना द्वारा बड़ी राशि से इलाज का राज्य में पहला मामला
हार्ट फेलियर की समस्या से ग्रसित गोल्डन कार्ड धारक एक व्यक्ति को इलाज में 6 लाख रूपये का लाभ मिला है। रोगी का इलाज एम्स ऋषीकेश के काॅर्डियालोजी विभाग के डाॅक्टरों द्वारा किया गया। गोल्डन कार्ड योजना में 5 लाख से अधिक राशि के इलाज का यह राज्य का पहला मामला है।
बार-बार बेहोश हो जाने और सांस फूलने की बीमारी से ग्रसित एक 62 वर्षीय व्यक्ति पिछले दिनों एम्स की इमरजेंसी में आया था। नैनीताल निवासी इस व्यक्ति के दिल की धड़कन भी बार-बार रूक जाती थी। ऐसे में काॅर्डियालोजी विभाग के डाॅक्टरों की टीम ने मरीज की जांच की तो पता चला कि उसे हार्ट फेलियर की समस्या है। लेकिन इलाज का खर्च बहुत महँगा होने के कारण मरीज के परिजन बड़े परेशान थे।
इस बारे में जानकारी देते हुए एम्स के काॅर्डियालोजी विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डाॅक्टर बरूण कुमार ने बताया कि उन्होंने मरीज को बचाने के लिए बिना बेहोश किए उसके शरीर में सीआरटी डिवाइस प्रत्योरोपित करने का निर्णय लिया।
उन्होंने बताया कि बिना बेहोश किए डिवाईस लगाने की प्रक्रिया बहुत जटिल होती है। लेकिन मरीज का जीवन बचाने के लिए जोखिम लेते हुए डाॅक्टरों की टीम ने इस तकनीक का उपयोग करने में अथक प्रयास किए। सीआरटी डिवाईस प्रत्यारोपित करने के बाद उसे एक सप्ताह तक अस्पताल में रखा गया। अब वह स्वस्थ है और उसे एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है। डाॅक्टर बरूण ने बताया कि पेशेन्ट के इलाज का खर्च बहुत ज्यादा था, ऐसे में उसका गोल्डन कार्ड काम आया। उसके इलाज में 6 लाख रूपये खर्च आया है। यह खर्च गोल्डन कार्ड योजना द्वारा वहन किया गया है।