पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण वाली घोषणा भी अब वापस हो सकती है।14 जून से चलने वाला द्वितीय विधानसभा सत्र गैरसैंण
में शुरू होना था। लेकिन अब वह देहरादून में ही चल रहा है। जब गर्मियों में भी विष सत्र ने देहरादून में ही चलना था तो किस बात की ग्रीष्मकालीन राजधानी ?
हर चुनाव में गैरसैंण राजधानी एक मुद्दा बनता है और फिर पांच साल ठंडे बस्ते में चला जाता है। इस बार का बजट सत्र पहले गैरसैंण में होना था। लेकिन अब चारधाम यात्रा का हवाला देकर देहरादून में ही करने का फैसला हुआ है।
ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के त्रिवेंद्र सरकार के फैसले पर फिर से संकट खड़ा हो गया है,और अब लगता है कि त्रिवेंद्र सरकार की तरह उनका यह फैसला भी ठंडे बस्ते में दब जाएगा।
आपकों बता दें कि आम चुनाव के बाद पहला ग्रीष्मकालीन सत्र गैरसैंण में आयोजित करने की घोषणा की गई थी। इसका कुछ विधायकों ने यह कहते हुए विरोध किया कि इस समय चारधाम यात्रा चल रही है। ऐसे में गैरसैंण में विस के सत्र से तमाम तरह की समस्याएं सामने आएंगी। इसके बाद तय किया गया है इस बार विस का सत्र अब ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण की बजाय अस्थायी राजधानी देहरादून में होगा।
अब इस पर सवाल खड़े हो गए हैं कि जब विष सत्र ने देहरादून मे ही चलना था तो किस बात की राजधानी और यात्रा तो अगले वर्ष भी चलेगी तो क्या अगले वर्ष भी यह हवाला दिया जाएगा ?