टिहरी बांध के बाद विशेष रूप से उत्तराखंड की टिहरी एक बहुत ही अनोखी जगह है। इस जगह ने पर्यटन के क्षेत्र में अपनी एक खास पहचान बनाई है। और अब यहां विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि टिहरी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके। टिहरी बांध एशिया का सबसे बड़ा बांध है। और अब इस खूबसूरत टिहरी को एक विश्व स्तर पर अलग पहचान की जा रही है । यहां 30 किमी लंबी देहरादून से टिहरी टनल बनाई जाएगी। जिस पर प्रोजेक्ट का काम भी तेजी से चल रहा है।
केंद्र सरकार की एजेंसी एनएचएआई ने भी प्रस्तावित सुरंग के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि यह टनल 30 किमी लंबी अंडरग्राउंड मोटर रोड टनल होगी। यह सुरंग देहरादून से टिहरी के बीच बनेगी, जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड होगा। यह अंडरग्राउंड मोटर रोड टनल सिर्फ एशिया में ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे लंबी टनल होगी। फिलहाल यह रिकॉर्ड नॉर्वे में स्थित लार्डल टनल के पास है, जो 24.5 किमी लंबा है। इस मामले में टिहरी जल्द ही एक बड़ी उपलब्धि हासिल करेगी।
यह सुरंग टिहरी झील में जल क्रीड़ा और साहसिक पर्यटन को नया मार्ग देगी। इससे कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी। देहरादून और टिहरी के बीच प्रस्तावित सुरंग राजपुर रोड से टिहरी झील से सटे क्षेत्र कोटी कॉलोनी तक बनाई जाएगी। इसके बनने से दून से टिहरी तक का सफर महज एक घंटे में पूरा किया जा सकता है। अभी साढ़े तीन घंटे लगते हैं। टनल के बनने से टिहरी और देहरादून के बीच की दूरी 105 किमी से घटकर 25 किमी हो जाएगी। दिल्ली से टिहरी पहुंचना भी आसान होगा।
पहले जो सफर 7 से 8 घंटे का होता था वो अब सिर्फ 3 से 4 घंटे में पूरा होगा| इस टनल के दोनों ओर 7 से 10 किमी का एप्रोच रोड भी प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा।
आपको बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सुरंग को बनाने का अनुरोध किया था । केंद्र की ओर से संकेत मिलते ही देहरादून से टिहरी टनल परियोजना पर काम शुरू हो गया है ।