विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि इस ऐतिहासिक पहल के अंतर्गत 30 जुलाई को उत्तराखंड राजभवन में एक वृहद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में राज्यपाल ले.ज. (से.नि.) गुरमीत सिंह की अध्यक्षता तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में शिक्षा विभाग और उद्योग समूहों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
क्या होगा इस साझेदारी में खास?
डॉ. रावत ने बताया कि यह योजना राज्य में शिक्षा के आधुनिकीकरण और बेहतर शैक्षणिक माहौल उपलब्ध कराने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगी। प्रत्येक उद्योग समूह एक प्राथमिक और एक माध्यमिक विद्यालय को गोद लेकर वहां निम्नलिखित सुविधाएं सुनिश्चित करेगा:
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मॉडल क्लासरूम
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आधुनिक कंप्यूटर और साइंस लैब
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पुस्तकालय
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फर्नीचर एवं स्मार्ट बोर्ड
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स्वच्छ पेयजल व शौचालय
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खेल मैदान और खेल सामग्री
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स्कूल की चारदीवारी एवं सौंदर्यीकरण
इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य है कि राज्य के विषम भूगोल में स्थित स्कूलों में भी बच्चों को 21वीं सदी के अनुरूप गुणवत्तापरक शिक्षा एवं बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।
उद्योग जगत से बनी सहमति
राज्य सरकार पहले ही 550 से अधिक उद्यमियों से संवाद कर इस पहल के लिए सैद्धांतिक सहमति प्राप्त कर चुकी है। इससे उन विद्यालयों को भी तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से जोड़ा जा सकेगा जहां अब तक सीमित संसाधन ही उपलब्ध थे। डॉ. रावत के अनुसार, वर्तमान में 559 राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित की जा रही है, जिन्हें उद्योग समूहों के तकनीकी सहयोग से और भी सशक्त किया जाएगा।
प्रवासी उत्तराखंडियों से भी जुड़ने की अपील
डॉ. रावत ने प्रदेश से बाहर और विदेशों में बसे समृद्ध प्रवासी उत्तराखंडियों से भी इस अभियान से जुड़ने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग 30 जुलाई को राजभवन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते, वे शिक्षा विभाग से संपर्क कर अपने गांव या क्षेत्र के किसी स्कूल को गोद ले सकते हैं।
यह प्रयास केवल शैक्षणिक विकास ही नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व के साझा निर्वहन की ओर भी एक सार्थक कदम होगा।