अल्मोड़ा के भैसियाछाना ब्लॉक में सड़क निर्माण के बहाने अवैध खनन और हरे पेड़ों की कटाई का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के निर्देश पर सोमवार सुबह प्रशासनिक और वन विभाग की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। जांच में पाया गया कि वन पंचायत की भूमि पर भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष द्वारा अवैध रूप से रिजॉर्ट का निर्माण किया जा रहा था। इस पर प्रशासन ने तुरंत रिजॉर्ट को सील कर निर्माण कार्य रोकने के आदेश दिए।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से खुलासा
गांव के निवासी मोहन राणा ने रविवार को अवैध खनन और पेड़ों की कटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया था, जिसके बाद यह मामला सार्वजनिक हो गया। वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने तुरंत जांच टीम को मौके पर भेजा। जांच के दौरान वन विभाग की टीम को अवैध खनन के ठोस सबूत मिले।
सरपंच ने जांच में सहयोग से किया इनकार
जांच के दौरान प्रशासनिक और वन विभाग की टीम ने गांव की सरपंच से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए रिजॉर्ट को सील करने की प्रक्रिया पूरी की।
93.64 घन मीटर पत्थर निकाला गया, कड़ी कार्रवाई की तैयारी
प्रशासन की जांच में पता चला कि निर्माण स्थल से 93.64 घन मीटर पत्थर अवैध रूप से निकाला गया था। एसडीएम ने अवैध कब्जा हटाने और जुर्माना लगाने के निर्देश जारी किए हैं। जिला मजिस्ट्रेट आलोक कुमार पांडे ने स्पष्ट किया कि पहाड़ों में अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
भाजपा नेता का बयान – “जांच के नतीजे स्वीकार करूंगा”
इस मामले में भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राणा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ग्रामीणों के साथ विवाद को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन की जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, मैं उन्हें स्वीकार करूंगा। मेरे खिलाफ हुई कार्रवाई पर कोई आपत्ति नहीं है।”
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि पर्यावरण और वन संपदा की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा और अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।