आंदोलन से बने राज्य उत्तराखंड में आज भी आम नागरिकों को अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। कहीं सरकार की उपेक्षा तो कहीं प्रशासनिक अधिकारियों की असंवेदनशीलता इन आंदोलनों का कारण बन रही है।
ताजा मामला अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया ब्लॉक के अमसयारी गांव का है, जहां के किसान खेती के लिए जरूरी कृषि यंत्रों की सुविधा से आज भी वंचित हैं। गांव तक सड़क न पहुंच पाने के कारण किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, 19 नवंबर को हुई बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि गांव के लिए 100 मीटर सड़क निर्माण कार्य को जल्द शुरू किया जाए, लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
गेहूं की कटाई-मड़ाई का संकट
इस समय किसानों के खेतों में गेहूं की फसल तैयार है और मड़ाई के लिए उन्हें फसल को सड़क तक लाना पड़ता है, जहां मशीन से मड़ाई होती है। सड़क न होने की वजह से फसल की ढुलाई अत्यंत मुश्किल हो रही है।
प्रशासन को दी दोपहर 2 बजे तक की चेतावनी
गांव के किसानों ने चौखुटिया प्रशासन को दोपहर 2:00 बजे तक का समय दिया है। यदि तब तक सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ, तो वे आज ही से आंदोलन शुरू कर देंगे।
किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय पहुंचे गांव
किसानों की समस्या को सुनने पहुंचे किसान मंच उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष किसान पुत्र कार्तिक उपाध्याय ने कहा कि,
“प्रधानमंत्री अमृतकाल की बात करते हैं, किसानों की आय दोगुनी करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके उलट है। किसान आज भी सड़क और साधनों के लिए तरस रहे हैं। यह बेहद शर्मनाक है।”
प्रशासन को सौंपा गया ज्ञापन
ग्रामीणों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है और चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो तहसील कार्यालय के बाहर महिलाएं और किसान धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे।