फिल्म निर्माण के लिए सब्सिडी और सुविधाओं की बहार
देहरादून प्रेस क्लब में आयोजित ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के सीईओ और सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि:
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हिंदी और आठवीं अनुसूची की भाषाओं में बनने वाली फिल्मों को राज्य में खर्च की गई राशि पर 30% तक या अधिकतम तीन करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।
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गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषाओं में बनने वाली क्षेत्रीय फिल्मों के लिए यह सब्सिडी 25 लाख से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये कर दी गई है।
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बाल फिल्मों को 10% अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा।
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विदेशी फिल्मों और 50 करोड़ से अधिक बजट वाली फिल्मों को भी राज्य में खर्च की गई राशि पर अधिकतम 30% या तीन करोड़ तक की सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
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वेब सीरीज, टीवी सीरियल, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म, ट्रैवलॉग, ब्लॉग और म्यूजिक वीडियो को भी अब इस नीति के तहत सब्सिडी मिलेगी।
नई और अनछुई लोकेशनों पर मिलेगा बोनस अनुदान
तिवारी ने आगे बताया कि अगर फिल्म निर्माता पर्वतीय क्षेत्रों में नई या कम प्रसिद्ध जगहों पर शूटिंग करते हैं, तो उन्हें 5% तक अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। साथ ही स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों को शामिल करने पर 10 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
फिल्म छात्रों को छात्रवृत्ति और फिल्म सिटी की योजना
फिल्म नीति के तहत देश के प्रतिष्ठित फिल्म संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को छात्रवृत्ति देने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा राज्य में एक फिल्म सिटी के निर्माण की योजना भी तैयार की जा रही है, जिससे उत्तराखंड को फिल्म उद्योग में और अधिक मजबूती मिलेगी।
हेमंत पांडेय और प्रेस क्लब अध्यक्ष ने सराहा राज्य सरकार का प्रयास
प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता हेमंत पांडेय ने सरकार के इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे स्थानीय कलाकारों और तकनीशियनों को न केवल काम के अवसर मिलेंगे बल्कि उत्तराखंडी फिल्मों को भी नई पहचान मिलेगी।
कार्यक्रम के अंत में प्रेस क्लब अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह कंडारी ने मुख्य अतिथियों का आभार जताते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए। संचालन सुरेंद्र सिंह डसीला ने किया। इस अवसर पर कई पदाधिकारी और पत्रकार भी उपस्थित रहे।