गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली से आए श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में एकत्र होकर उत्साह और आस्था का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। भक्तों के चेहरों पर चारधाम की यात्रा को लेकर गहरी श्रद्धा, अटूट विश्वास और अपार उत्साह स्पष्ट नजर आया।
हरिद्वार की सड़कों पर रौनक लौट आई है। ट्रैवल एजेंसियों और होटल कारोबारियों के चेहरों पर भी खुशी साफ झलक रही है। स्थानीय व्यापार में तेजी देखी जा रही है, जिससे पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों को नई उम्मीदें मिली हैं।
प्रदेश सरकार ने इस वर्ष चारधाम यात्रा के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन सहित सभी आवश्यक तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। चिकित्सा टीमों की तैनाती से लेकर श्रद्धालुओं के लिए सुविधा केंद्र स्थापित किए गए हैं ताकि उनकी यात्रा सुगम और सुरक्षित बनी रहे।
हालांकि यात्रा की आधिकारिक शुरुआत 30 अप्रैल से मानी जा रही है, लेकिन आस्था से भरे पहले जत्थे ने हरिद्वार से श्रद्धा की राह खोल दी है। मायादेवी मंदिर से आरंभ हुई यह रथयात्रा देशभर के श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा बन गई है।
हरिद्वार इस समय एक बार फिर श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र में बदल चुका है, जहां से निकल रही हर एक यात्रा भक्तों को हिमालय की पवित्र धामों की ओर ले जा रही है—एक ऐसी यात्रा जो सिर्फ मंज़िल की नहीं, बल्कि आस्था की होती है।