देहरादून। देहरादून के मातावाला बाग को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। नगर कोतवाली में पहले से ही गंभीर धाराओं में मुकदमा झेल रहे अमित तोमर पर अब ₹25 करोड़ की मानहानि का केस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही, अब उन पर माननीय न्यायालय की अवमानना का मामला भी दर्ज किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, अमित तोमर ने जिला प्रशासन की अनुमति के बिना शांति मार्च निकालने के नाम पर अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर आपत्तिजनक और अपमानजनक नारेबाजी की। वह जबरन मातावाला बाग में घुसने की कोशिश कर रहा था, जिसे भारी पुलिस बल ने रोक दिया।
मामले में अमित तोमर का साथी अमन स्वेडिया भी संलिप्त पाया गया है, जो पहले से ही मातावाला बाग को लेकर माननीय न्यायालय द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट और धरना-प्रदर्शन करने से प्रतिबंधित है। अमन ने न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए सोशल मीडिया पर लगातार आपत्तिजनक पोस्ट की हैं।

आरोप हैं कि,अमन स्वेडिया ने बिना अनुमति के अपनी कार (UK 07 FW 3237) और अन्य वाहनों को मातावाला बाग में स्थायी रूप से पार्क करना शुरू कर दिया था। जब इसका विरोध किया गया, तो उसने श्री दरबार साहिब के व्यवस्थापक मधुसूदन सेमवाल पर झूठे आरोप लगाए और जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया।
इसके अतिरिक्त आरोप है कि, अमन स्वेडिया ने श्री दरबार साहिब को ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर पूज्य श्री महाराज जी के विरुद्ध आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की। खुद अमन यह मान चुका है कि मातावाला बाग व अखाड़ा श्री दरबार साहिब की संपत्ति है, फिर भी वह वहां कब्जा जमाने का प्रयास कर रहा है।
वन विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा बाग में निरीक्षण किया गया, जिसमें किसी भी पेड़ की कटाई नहीं पाई गई। बल्कि आसपास के नागरिकों ने साफ-सफाई, झाड़ियाँ हटाने और नए फलदार वृक्ष लगाने की पहल की है, जिसकी सराहना की जा रही है।
श्री दरबार साहिब ने स्पष्ट किया है कि मातावाला बाग किसी को भी लीज पर नहीं दिया गया है। यह जिम्मेदारी एसजीआरआर विश्वविद्यालय के कृषि विभाग को सौंपी गई है ताकि वैज्ञानिक विधियों से बाग का रखरखाव हो सके। वरिष्ठ नागरिकों के लिए बाग को सुबह-शाम भ्रमण हेतु खोला गया है, लेकिन माननीय न्यायालय के आदेशानुसार प्रवेश पत्र और श्री दरबार साहिब की अनुमति अनिवार्य है। इसका उद्देश्य असामाजिक तत्वों की घुसपैठ रोकना है।
वन विभाग ने सभी वृक्षों की गिनती कर उनकी संख्या और नामों की सार्वजनिक जानकारी एक बोर्ड पर अंकित कर दी है, ताकि झूठे आरोपों और अफवाहों को रोका जा सके।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर देहरादून की जनता में रोष है। श्री दरबार साहिब ने स्पष्ट किया है कि वे किसी भी नशा कारोबार या अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे और न्यायालय की अवमानना करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।