देहरादून, उत्तराखंड – अल्मोड़ा से पूर्व बीजेपी विधायक महेश नेगी को पांच साल पुराने दुष्कर्म मामले में अदालत से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट (Final Report – FR) को स्वीकार करते हुए उन्हें पूरी तरह आरोपमुक्त करार दिया है। यह मामला वर्ष 2020 में दर्ज हुआ था, जो अब कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद समाप्त हो गया है।
सुनियोजित साजिश का आरोप
फैसले के बाद महेश नेगी ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“यह मेरे राजनीतिक जीवन को खत्म करने के लिए रची गई एक साजिश थी। पिछले पांच वर्षों से मैं मानसिक रूप से परेशान रहा, लेकिन अब न्याय मिला है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने, जिनमें शिकायतकर्ता महिला भी शामिल हैं, उन्हें बदनाम करने के उद्देश्य से झूठे आरोप लगाए थे।
वरिष्ठ अधिवक्ता का बयान
वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि
“साल 2020 में कोर्ट के आदेश पर दुष्कर्म की धारा 376 के तहत केस दर्ज हुआ था। देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने मामले की गहन जांच के बाद FR दाखिल की। अदालत ने इस रिपोर्ट को पूर्णतः सही ठहराया।”
कोर्ट का फैसला
22 मई 2025 को एसीजेएम पंचम अदालत ने सभी साक्ष्यों और कानूनी प्रक्रियाओं की विस्तृत जांच के बाद पुलिस की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए महेश नेगी को क्लीन चिट दे दी।
निष्कर्ष: यह फैसला पूर्व विधायक महेश नेगी के लिए न केवल व्यक्तिगत बल्कि राजनीतिक रूप से भी बड़ी राहत लेकर आया है। यह मामला उत्तराखंड की राजनीति और कानून व्यवस्था की पारदर्शिता पर एक अहम टिप्पणी माना जा रहा है।
