एक दिन पहले क्षतिग्रस्त हुआ था थराली का निर्माणाधीन पुल
चमोली जिले के थराली ब्लॉक के अंतर्गत डूंगरी-रतगांव मोटर मार्ग पर 60 मीटर लंबा बैली ब्रिज (Bailey Bridge) प्राणमती नदी पर निर्माणाधीन था। इस पुल के अचानक क्षतिग्रस्त हो जाने की खबर आने के 24 घंटे के भीतर ही सरकार ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए आवश्यक जांच के निर्देश दिए और जिम्मेदार इंजीनियरों पर कार्रवाई शुरू कर दी।
सस्पेंड हुए तीन PWD इंजीनियरों के नाम
प्रथम दृष्टया जांच में लापरवाही के आरोप तय पाए गए और इन तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया:
-
दिनेश मोहन गुप्ता – अधिशासी अभियंता, निर्माण खंड, लोक निर्माण विभाग, थराली
-
नवीन लाल – अधिशासी अभियंता, प्रांतीय खंड, लोक निर्माण विभाग, कर्णप्रयाग
-
आकाश हुंडिया – सहायक अभियंता, निर्माण खंड, लोक निर्माण विभाग, थराली
इन तीनों को PWD Chief Engineer Office Pauri से संबद्ध कर दिया गया है। आरोप है कि इन्होंने निर्माण कार्य में negligence, poor supervision और lack of timely monitoring जैसी गंभीर लापरवाहियां कीं।
मेजर पनिशमेंट की तैयारी, अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित
PWD सचिव पंकज कुमार पांडे ने स्पष्ट किया कि यह मामला Major Penalty Action की श्रेणी में आता है, इसलिए इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया है। शासन स्तर से यह भी संकेत दिए गए हैं कि आगे इन अभियंताओं के खिलाफ कठोर departmental disciplinary action प्रस्तावित है।
निष्कर्ष: उत्तराखंड सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति
थराली ब्रिज घटना को लेकर उत्तराखंड सरकार ने Zero Tolerance on Corruption & Negligence नीति पर अमल करते हुए 24 घंटे के भीतर बड़ा फैसला लिया। इससे संदेश साफ है कि निर्माण कार्यों में लापरवाही अब किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
