जिला पंचायत राज अधिकारी भूपेंद्र आर्य ने सरकारी सेवा आचरण नियमावली के उल्लंघन के तहत यह सख्त कार्रवाई की है। निलंबन के साथ-साथ उक्त कार्मिक को निलंबन अवधि के दौरान मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय, चंपावत से संबद्ध किया गया है।
मेडिकल जांच में हुई पुष्टि, पुलिस ने भी की चालानी कार्रवाई
कार्यालय में नशे की हालत में पाए जाने के बाद तत्काल पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद कनिष्ठ सहायक का मेडिकल परीक्षण कराया गया। जिला अस्पताल के डॉक्टर गौरांग जोशी द्वारा की गई जांच में शराब के नशे में होने की पुष्टि हुई।
पुलिस ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड पुलिस अधिनियम की धारा 81 के अंतर्गत ₹500 की चालानी कार्रवाई की है।
पहले भी रह चुका है निलंबन में, हाल ही में हुई थी बहाली
जिला पंचायत राज अधिकारी भूपेंद्र आर्य के अनुसार यह पहला मामला नहीं है। निलंबित कनिष्ठ सहायक पहले भी इसी प्रकार के कृत्य में पकड़ा जा चुका है। जनवरी माह में पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा उसे बहाल किया गया था, लेकिन अब एक बार फिर उसी गलती की पुनरावृत्ति पर दोबारा निलंबन की गाज गिरी है।
सभी कर्मचारियों को जारी हुए सख्त निर्देश
इस घटना के बाद कार्यालय के सभी कर्मचारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि ड्यूटी के दौरान किसी भी प्रकार का अनुशासनहीन व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आचरण नियमावली के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
यह मामला सरकारी कार्यालयों में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक सख्त उदाहरण है।