आपदा में सतर्क रहने के निर्देश
गढ़वाल मंडल आयुक्त ने पहले ही सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने, मोबाइल चार्ज रखने और जनता की हर कॉल रिसीव करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि ग्रामीणों की सूचना आपदा प्रबंधन में सबसे अहम होती है। ऐसे में कॉल रिसीव न करना या कॉल बैक न करना गंभीर लापरवाही मानी जाएगी।
कमिश्नर ने खुद की जांच
पौड़ी दौरे पर पहुंचे कमिश्नर पांडेय को यह शिकायत मिली कि कई अधिकारी जनता की कॉल रिसीव नहीं कर रहे। इसकी हकीकत जानने के लिए उन्होंने खुद अधिकारियों को फोन लगाया। जांच के दौरान यह साबित हो गया कि कुछ अधिकारी वास्तव में फोन नहीं उठा रहे थे।
वन रेंजर पर गुस्साए कमिश्नर
कमिश्नर ने वन विभाग के एक रेंजर को कॉल किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। बाद में दूसरे नंबर से कॉल करने पर रेंजर ने तुरंत रिसीव कर लिया। इस पर कमिश्नर भड़क गए और कहा –
“जनता किसी उम्मीद के साथ अफसर को फोन करती है। कॉल रिसीव न करना गैर-जिम्मेदाराना रवैया है। आपदा की स्थिति में अधिकारियों की पहली जिम्मेदारी जनता के साथ खड़े रहना और उनकी समस्या का समाधान करना है।”
कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
विनय शंकर पांडेय ने सख्त हिदायत दी कि भविष्य में अगर कोई अधिकारी जनता की कॉल रिसीव करने या कॉल बैक करने में लापरवाही करेगा, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जनता को दिया भरोसा
गढ़वाल आयुक्त ने जनता से अपील की कि किसी भी समस्या पर प्रशासन से बेझिझक संपर्क करें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनता की परेशानियों का समाधान उनकी पहली प्राथमिकता होगी।