कैसे पहुंचा मोबाइल परीक्षा केंद्र तक?
पुलिस जांच में सामने आया कि खालिद मलिक, निवासी आदमपुर सुल्तानपुर कोतवाली लक्सर, परीक्षा वाले दिन मोबाइल अंदर ले जाने की फिराक में था।
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मेन गेट पर कड़ी चेकिंग के चलते वह पीछे खेतों से बने छोटे दरवाजे से अंदर घुस गया।
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उसके जुराब में iPhone 12 Mini छुपा हुआ था।
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कक्षा में पहुंचकर उसने प्रश्नपत्र के तीन पन्नों से 12 सवालों के फोटो खींच लिए।
शौचालय से बचा जैमर की पकड़ से
पुलिस के मुताबिक, परीक्षा कक्ष में लगे जैमर की रेंज से बचने के लिए खालिद शौचालय गया। वहां से उसने व्हाट्सएप के जरिए फोटो घर भेज दिए। उसकी बहन साबिया ने ये प्रश्नपत्र सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को फॉरवर्ड कर दिए। इसी कड़ी से पेपर लीक का पूरा जाल खुला।
आरोपी और प्रोफेसर की पुरानी पहचान
खालिद और प्रोफेसर सुमन की जान-पहचान 2018 से थी। सुमन उस समय ऋषिकेश नगर निगम में टैक्स इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थीं। पुलिस पूछताछ में खालिद ने कबूला कि उसने परीक्षा से पहले सुमन से कहा था कि उसकी बहन परीक्षा दे रही है और कुछ मदद चाहिए। लेकिन उसने यह नहीं बताया कि वह खुद भी परीक्षा में शामिल हो रहा है।
आउटसोर्स से मिली थी नौकरी
जानकारी के अनुसार, खालिद ने हाल ही में एक अगस्त को आईआईपी मोहकमपुर में आउटसोर्स के जरिए डाटा एंट्री ऑपरेटर की नौकरी पाई थी। इससे पहले वह देहरादून में सीपीडब्ल्यूडी में संविदा अवर अभियंता (JE) रह चुका है। हालांकि, दो साल पहले उसकी सेवा समाप्त कर दी गई थी।
पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
हरिद्वार सीआईयू कार्यालय में चली लंबी पूछताछ के बाद खालिद ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया। अब खालिद और उसकी बहन दोनों सलाखों के पीछे हैं। पुलिस का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच और भी आरोपियों तक पहुंच सकती है।