अल्मोड़ा। व्यापार मंडल के पूर्व जिला अध्यक्ष हरेंद्र वर्मा ने नगर की बदहाल व्यवस्था, प्रशासनिक सुस्ती और जनसमस्याओं की अनदेखी पर कड़ी नाराज़गी जताई है। प्रेस बयान जारी करते हुए उन्होंने नगर निगम, पुलिस और शासन को जनता के प्रति गैरजिम्मेदार ठहराया और कई गंभीर मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।
क्वारब–कैंची मार्ग: वैकल्पिक समाधान न होने पर सवाल
वर्मा ने कहा कि कैंची से क्वारब तक वैकल्पिक व्यवस्था न होने से जनता लगातार तकलीफ झेल रही है।
“सवा साल से अधिक समय गुजर गया, लेकिन न तो वैकल्पिक सड़क बनी और न कोई ठोस इंतज़ाम। यह मोदी सरकार और नितिन गडकरी जी के दावों का खंडन करता है। सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री सिर्फ धनराशि गिनाते हैं, जबकि जनता को स्थायी समाधान चाहिए।”
उन्होंने पूछा कि आखिर कब तक जनता वैकल्पिक मार्ग पर यातायात शुरू होने का इंतजार करती रहेगी।
ऑनलाइन चालान व्यवस्था पर आपत्ति
पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि क्वारब से तनावपूर्ण सफर के बाद घर लौटते ही मोबाइल पर चालान आना जनता के साथ अन्याय है।
“यदि पुलिस को सिर्फ लक्ष्य पूरा करना है तो क्या क्वारब या रानीखेत की ओर से आने वाले वाहन ही आसानी का शिकार हैं?”
नंदादेवी मेले में प्रशासन की नाकामी
नंदादेवी मेले को लेकर वर्मा ने कहा कि पुलिस और प्रशासन निष्क्रिय रहे।
“बाहरी व्यापारी दुकान लगा गए लेकिन जिला प्रशासन और तीनों विभाग ऐसे रहे जैसे उन्हें जानकारी तक न हो। यहां तक कि रामलीला के दौरान भी बाजार में पुलिस मौजूद नहीं रही।”
थाने के सामने गेट बंद करने की घटना पर नाराज़गी
उन्होंने बताया कि 22, 25 और 26 तारीख को थाने के सामने स्थित गेट अचानक बंद कर दिया गया।
“कहा गया कि चाबी मेयर के पास है। जब गेट लंबे समय से खुला था और लोग उसी पर निर्भर थे, तो अचानक ऐसे कदम जनता के साथ ज़्यादती हैं। मेयर को गेट बंद करने के बजाय रामलीला और दुर्गा पूजा के समय यातायात नियंत्रण और पुलिस व्यवस्था करनी चाहिए थी।”
नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल
नगर की अव्यवस्था को लेकर वर्मा ने कहा कि नगर निगम की स्थिति समझ से परे है।
- आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
- मेयर और आयुक्त ने पार्षदों से एक हफ्ते में बंदर पकड़ने का वादा किया था, लेकिन दो हफ्ते बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- नालों की दुर्दशा और सफाई व्यवस्था जस की तस है।
“ट्रिपल इंजन की सरकार अब साइकिल बन गई”
वर्मा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा—
“ट्रिपल इंजन की सरकार अब साइकिल बनकर रह गई है। नाले लीक हो रहे हैं, मेयर, पार्षद और अधिकारी सब देखकर चले जाते हैं लेकिन कार्रवाई शून्य है। इच्छा शक्ति की कमी ने शहर के विकास को रोक रखा है।”
नागरिकों से आह्वान
अंत में उन्होंने अल्मोड़ा वासियों से अपील की—
“जब आप अपना प्रतिनिधि चुनते हैं तो उससे सवाल भी करें। यदि काम न हो रहे हों तो विरोध करें। सही को सही और गलत को गलत कहने का साहस रखना होगा, वरना हमारा शहर विकास की दौड़ में बहुत पीछे रह जाएगा।”