प्रखण्ड रिखणीखाल क्षेत्र के अन्तर्गत बंजादेवी -पाणीसैंण-मैंदणीसारी मोटर मार्ग का डामरीकरण अभी पुराना नहीं हुआ तथा मार्ग अनुरक्षण की अवधि समाप्ति से पहले ही स्कवरों,पैराफिटों के साथ नालों में तब्दीली होना उत्तराखंड राज्य में आम बात है। जबसे राज्य का निर्माण हुआ सबने अपने हिस्से की पूंजी बटोरकर पुश्तैनियों के लिए जरूर रख दी.हो.मगर आमजन के हिस्से में फिरकापरस्ती ही आई।
बताते चलें कि दियोड़ से शुरू इस मार्ग पर जहां डेढ़ सौ मीटर तक पूरी सड़क नाले में तब्दील हो गई है वहीं गाड़ियों पुल से आगे अजीतपुर डुमडौ के सन्निकट दो स्कवर तीन महीने से क्षतिग्रस्त हो खोखले हो गये हैं। जहां मुश्किल से गाड़ी पास करना भी चुनौती बन गई है। पहले यह मार्ग पीएमजीएसवाई श्रीनगर के कोटद्वार डिवीजन में था जो अब पूर्णतः श्रीनगर के अधीन हो गई है। निर्माण कार्य के समय से ही यह सड़क विवादों में रही लेकिन ठेकेदार ने भी स्थानीय तथाकथित ठेकेदारों से मिलकर जवाड़ियूंरौल चुंगी गेट के निकट पहाड़ी खदान से पूरी सड़क का मलबा प्रयोग किया। गौरतलब है कि यही मलबा वर्षों से सरकारी निर्माण कार्यों में प्रयोग किया जाता है चाहे वह डिग्री कॉलेज हो या आईटीआई या अन्य भवन अथवा सड़क। गढ़वाल वन प्रभाग तथा कार्बेट पार्क की मैदावन रेंज या राजस्वाधीन इन की ही शय में धड़ल्ले से पहाड़ी का खनन चरम पर है जिसपर किसी भी विभाग को कोई मतलब नहीं??
इस मार्ग पर जहां स्कवर बनने थे वहीं रपटे बनाकर इतिश्री कर दी गई।रही सही पिछले चार माह पूर्व टल्लों से जीवंतता देने का काम किया गया लेकिन वह भी आशाओं के प्रतिकूल ही रहा। अब देखना है कि दस करोड़ चौसठ लाख कुल रुपयों से निर्मित सड़क की उनसठ लाख रुपए लगभग की अनुरक्षण राशि में से कितनी सड़क की स्थिति सुधारी जाएगी हास्यास्पद प्रतीत होती है। जिला पंचायत सदस्य कर्तिया विनयपाल नेगी व क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी ने कहा कि सम्बन्धित विभाग को सूचित कर दिया गया है अत्यधिक आवाजाही इस मार्ग पर होती है जनहित व मानवीय संवेदनाओं के मध्येनजर शीघ्र ही किसी अनहोनी घटना से बचाव में निर्माण का आश्वासन विभागीय अधिकारियों दिया गया है।
सहायक अभियंता पी एम जी एस वाई श्रीनगर प्रमोद रावत का कहना है कि मामले का संज्ञान लेते हुये बरसात बन्द होने पर तुरंत काम करने का आदेश सम्बन्धित कम्पनी को दे दिया गया है शीघ्र समाधान किया जा रहा है।