देहरादून: मामला जनपद पौड़ी गढ़वाल ,तहसील लैंसडाउन के जाखमल्ला गांव का है, जहाँ पर जलसंस्थान कोटद्वार ने 2021-22 में दैवीय आपदा के नाम पर 276.521 लाख रुपये (दो लाख छियतर हजार) फर्जी पेयजल कार्य दिखाकर पूरा बजट ही गायब कर दिया।
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत ग्रामीण श्याम प्रसाद ने जल संस्थान कोटद्वार से जानकारी मांगी अपने गांव में हुए कार्यो की तो जल संस्थान कोटद्वार ने सूचना में दिया कि जाखमल्ला गांव में 2021-22 में 2.76.521 लाख रुपये (दो लाख छियतर हजार)का पेयजल पर कार्य किया है।
श्याम प्रसाद खंतवाल ने बताया कि उनके गांव में न तो कोई आपदा आई और न ही कोई पेयजल का कोई कार्य हुआ।
अब बात पते की एक है कि जब श्याम प्रसाद खंतवाल ने जब ये पूरा मामला सोशल मीडिया व मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपलोड कर दिया तो विभाग ने आनन फानन जांच में आकर आरटीआई कार्यकर्ता से बात को दबाने का भरपूर प्रयास किया।
आप कॉल रिकॉडिंग में आप सुन सकते हैं कि जल संस्थान के जेई साहब तो कह रहे हैं कि उनके व ऐई साहब के प्रमोशन का सवाल है। मामले को मत उछालो काम बिगड़ जाएगा।मामले में चुप्पी साध लो वहीं अकाउंटेंट साहब भी मामले को दबाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं।
श्याम प्रसाद का कहना है मुझे ठेकेदार व विभागीय अधिकारी लगातार मामले को दबाने के लिए प्रेसर का रहे हैं अब उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मामले की जांच व कार्यवाही की मांग की है।
सुने ऑडियो :
इसके बाद जांच पर गए अधिकारी जेई नैनवाल द्वारा हमें बताया गया है कि उक्त पेयजल स्रोत पर कार्य हुआ है,जिससे जाख मल्ला में पानी जाता है लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता केवल एक ही रट लगाया जा रहा है कि गांव के अंदर कार्य दिखाओ न कि जल स्रोत पर।