देहरादून : शहर में मांस परोसने वाले रेस्टोरेंट और होटलों में नियमों को ताक पर रखकर कारोबार किया जा रहा है। किसी की लाइसेंस की वैधता खत्म है तो कोई साफ-सफाई का ध्यान नहीं रख रहा। कुछ रेस्टोरेंट तो ऐसे मिले जहां पर मांस का बिल ही मौजूद नहीं था। इन प्रतिष्ठानों में यह खामियां प्रशासन के जांच अभियान में सामने आए। प्रशासन की टीम ने ऐसे 11 प्रतिष्ठानों के चालान कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है।अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रामजीशरण शर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी सोनिका ने होटल, रेस्टोरेंट और मांस की दुकानों के चेकिंग के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। तहसीलदार सदर मोहम्मद शाहदाब और नगर निगम के खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह की टीम ने कई जगह औचक निरीक्षण किया।
टीम प्रिंस चौक, गांधी चौक, त्यागी रोड, रेलवे स्टेशन के पास के स्थानों पर पहुंची थी। यहां कई नामी होटल और रेस्टोरेंट भी नियमों की अनदेखी करते पाए गए। फिलहाल 11 प्रतिष्ठानों के चालान किए गए हैं। इनमें ज्यादातर के यहां गंदगी पसरी थी। बहुत से प्रतिष्ठानों के पास वैध लाइसेंस नहीं था।होटल मीडो-किचन गंदी थी, मांस भी गंदी हालत में रखा था और फूड सेफ्टी लाइसेंस की वैधता भी खत्म हो गई थी। मांस का बिल दिखाने को कहा तो संचालक वह प्रस्तुत नहीं कर पाया।
-रॉयल रेस्टोरेंट-साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं थी। यहां से खाद्य सामग्री के नमूने लिए गए।
-ऋषिपाल मीट की दुकान-यहां लाइसेंस तो था लेकिन साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जा रहा था।
-पंजाबी ढाबा प्रिंस चौक-प्रतिष्ठान पर लाइसेंस पाया गया, लेकिन मेडिकल और वॉटर टेस्टिंग रिपोर्ट नहीं पाई गई। साफ-सफाई भी असंतोषजनक थी।
-शमशेर सिंह मीट वाला- दुकान पर लाइसेंस नहीं था। साफ सफाई भी ठीक नहीं थी।
-रॉयल मुरादाबादी बिरयानी-लाइसेंस की वैधता खत्म हो गई थी और साफ-सफाई भी नहीं थी। मांस का बिल भी नहीं था।
-अमृतसरी फिश कॉर्नर-लाइसेंस ही नहीं था। गंदगी पसरी थी। टीम ने यहां से पनीर का सैंपल लिया है
-पंजाबी रसोई-लाइसेंस नहीं था। गंदगी पसरी थी और बिल मांगा तो वह भी नहीं मिला।
-येलो चिल्ली रेस्टोरेंट- लाइसेंस नहीं दिखा पाए। यहां पर गंदगी भी काफी थी। मांस का बिल भी संचालक के पास नहीं मिला।
-अनमोल ट्रेडिंग-लाइसेंस नहीं मिला। कॉफी, चॉकलेट पाउडर ग्रीन टी आदि सामग्री एक्सपायर पाई गई। यहां से टीम ने खाद्य सामग्री के सैंपल लिए हैं।
बीच शहर सेहत से खिलवाड़
प्रशासन की यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। लेकिन, एक दिन की कार्रवाई से इतना तो साफ है शहर के बीचोंबीच ये नामचीन प्रतिष्ठान भी लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस हिस्से में हर दिन हजारों की तादात में बाहर से लोग आते हैं। ये सभी इन्हीं रेस्टोरेंट और होटलों में खाना खाते हैं। बड़ी-बड़ी दुकानों पर एक्सपायरी डेट के उत्पाद बेचे जा रहे हैं। लंबे समय से खाद्य सुरक्षा विभाग ने यहां नहीं देखा तो कई ने अपने लाइसेंस तक रिन्यू नहीं कराए।