हल्द्वानी : मलिक के बगीचे के चारों ओर से पथराव में फंसने के बाद किसी तरह पुलिस फोर्स यहां से निकलकर मुख्य सड़क पर पहुंच सकी। मगर यहां भी बनभूलपुरा थाने को आग के हवाले कर दिया गया था। उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिस टीम ने 350 राउंड से अधिक बार फायरिंग की। इसके बाद लोग मौके से इधर उधर होने लगे।
सुनिए एक पत्रकार की आपबीती ।
मैं शाम चार बजे मलिक के बगीचे में पहुंचा, तो वहां बड़ी संख्या में लोग विरोध कर रहे थे। थोड़ी देर में छतों से पथराव शुरू हो गया। फोर्स भागने लगी। उपद्रवियों ने मुझे और दो-तीन पुलिस वालों को पकड़ लिया। लाठी-डंडे से पीटने लगे। पत्थरों से मारने लगे। मैंने बताया- मैं अखबार से हूं, पर वे नहीं माने। हिंसक भीड़ मुझे बुरी तरह पीट रही थी। उन्होंने मुझे आग में धक्का दे दिया। लगा, जिंदगी खत्म होने वाली है। भीड़ मारो-मारो चिल्ला रही थी। भय से मेरी आंखें बंद हो गईं। इसी बीच, दो युवक पहुंचे। वे मुझे पहचानते थे। किसी तरह वे मुझे खींचकर धर्मस्थल की ओर ले गए। मुझे मारने के लिए उपद्रवी भी पीछे-पीछे आ रहे थे। दोनों युवकों ने धर्मस्थल का दरवाजा खुलवाकर किसी तरह मुझे धकेला। इस बीच, उपद्रवियों ने मेरा कैमरा छीन लिया। मैं अंदर घुस गया और लोगों ने दरवाजा बंद कर दिया। तब जाकर जान में जान आई।
उपद्रवी ले गए उपद्रवियों को छुड़ा कर।
बनभूलपुरा में अतिक्रमण तोड़ने गई टीम पर घरों की छतों से पथराव किया गया जिसके बाद पुलिस ने पत्थरबाजों को पकड़ने के लिए उन घरों का रुख किया जहां से पत्थर फेंके जा रहे थे। नगर निगम कर्मचारियों की मदद से उन घरों के दरवाजों को घन से तोड़ा गया और पुलिसकर्मी घरों में घुसे। जिसके बाद पत्थरबाजों को पकड़कर पुलिस ले जाने लगी, लेकिन उपद्रवी उन्हें भी छुड़ा ले गए।
गोली मारने के दिए आदेश
हमारी तैयारी पूरी थी, चूक कहां हुई इसका पता किया जा रहा है। बाहर से अन्य फोर्स हल्द्वानी मंगाया गया है। इसे बनभूलपुरा क्षेत्र के विभिन्न तिराहों, चौराहों और गलियों में लगाया गया है। कर्फ्यू लगा दिया गया है। फोेर्स को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। –प्रहलाद नारायण मीणा एसएसपी।
हमला पहले से ही प्री प्लांड था।
जिलाधिकारी वंदना का कहना है हमारी तैयारी पूरी थी, कोई कमी नहीं थी पर जिस तरह से टीम पर हमला हुआ है उससे लगता है कि यह सुनियोजित और योजनाबद्ध हमला किया गया है, जिसकी तैयारी पहले से थी। पेट्रोल बम, पथराव करने से लेकर गोली चलाई गई। इसकी उम्मीद नहीं थी। लगता है कि ऐसी किसी एक्शन पर रिएक्शन कैसे किया जाएगा, उसकी तैयारी पहले से कर ली गई थी। जब शार्ट नोटिस पर पर ऐसी घटना हुई और प्लानिंग थी, अगर अधिक समय दिया जाता तो संभव है कि हालात ज्यादा खराब होते, उसका अंदाजा लगाना संभव नहीं है। यह रणनीति का हिस्सा था कि तैयारी के लिए कम से कम समय दिया जाए, क्योंकि उग्र प्रतिक्रिया की आशंका थी, इसलिए शार्ट नोटिस दिया गया। इससे नुकसान को रोका जा सका। उनकी जानकारी के हिसाब से वर्तमान में केवल बनभूलपूरा क्षेत्र प्रभावित होने की बात है।
थाने में आग लगाकर सालों पुराने क्रिमिनल रिकॉर्ड जलाए
बनभूलपुरा में उपद्रव के दौरान 70 से अधिक वाहनों को जला दिया गया, जबकि कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई। इस दौरान बनभूलपुरा थाने में आग से कई साल पुराने रिकॉर्ड भी जलकर खाक हो गए हैं।
शासन ने जल्दबाजी में इस कृत्य को अंजाम दिया _सुमित हृदयेश विधायक
विधायक हल्द्वानी सुमित हृदयेश ने कहा कि आजादी से लेकर आजतक हल्द्वानी में कभी भी इस प्रकार की घटना नहीं हुई है। यहां हमेशा अमन, चैन और एकता का माहौल रहा है। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण की सुनवाई की तारीख 14 फरवरी को दी थी, फिर भी शासन-प्रशासन ने जल्दबाजी कर इस कृत्य को अंजाम दिया। मेरी मुख्यमंत्री से फोन पर वार्ता हुई है। उन्हें पूरे प्रकरण से अवगत करा दिया गया है, जितने भी प्रशासनिक अधिकारी, पुलिसकर्मी और स्थानीय नागरिक इस कृत्य में घायल और हताहत हुए हैं, मेरी संवेदना उनके परिवारजनों के साथ है। मेरी सभी शहरवासियों से अपील है कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर गौर न करें और शांति व्यवस्था बनाने में अपना पूर्ण योगदान दें।
पिता पुत्र समेत 6 लोगों की मृत्यु
हल्द्वानी में हिंसा के बाद सैकड़ों लोग घायल हुए। पुलिस ने लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं, अब तक की जानकारी के मुताबिक, हिंसा में पिता-पुत्र समेत छह लोगों की मौत हो गई है।अब तक मिली जानकारी के अनुसार, हल्द्वानी में हिंसा के दौरान दो लोगों की मौत हो गई है। वहीं, पुलिसकर्मी और निगम कर्मी समेत 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
किस समय क्या घटना हुई जाने
3:00 बजे अतिक्रमण हटाने के लिए बनभूलपुरा थाने के पास टीमें जुटने लगी।
4: 23 बजे टीम पुलिस फोर्स के साथ रवाना हुई।
4: 30 बजे टीम मलिक के बगीचे में पहुंची।
4: 40 बजे लोग अतिक्रमण स्थल पर जुटने लगे।
4: 42 पर लोगों ने विरोध शुरू किया।
4: 44 पर लोगों ने पुलिस द्वारा लगाई बैरिकेटिंग हटाना शुरू कर दिया।
4: 51 पर अराजक तत्त्वों ने जेसीबी रोकी।
4: 55 पर हंगामा शुरू हुआ और पत्थर बाजी हुई।
5: 17 बजे अतिक्रमण तोड़न की कार्रवाई शरू की।
5: 20 पर लोगों ने जेसीबी तोड़ी।
5: 24 पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आसू गैस के गोले दागे।
5: 35 पर उपद्रवियों ने वाहनों में आग लगाई।
5: 54 पर पुलिसकर्मी घायल हुए।
6: 30 बजे उपद्रवियों ने थाना फूंका।
7:00 बजे घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल भेजा।
7:30 पर सीएम ने बैठक कर उपद्रवियों को गोली मारने के आदेश दिए।
7:48 पर शहर में कर्फ्यू का आदेश जारी हुआ।
7:55 पर उधमसिंह नगर से और फोर्स हल्द्वानी पहुंची।
50 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल, इंटरनेट सेवा बंद, बस सेवा ठप, दूसरे जिलों से बुलाई पुलिस।
हिंसा के दौरान 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी और अन्य लोग घायल हुए हैं। इस दौरान पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया।हल्द्वानी में हिंसा भड़कने के बाद सुरक्षा के लिहाज से पूरे क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।बनभूलपुरा में बवाल के कारण दिल्ली जाने वाली बसों को भी रोकना पड़ा। हल्द्वानी बस अड्डे को खाली करवा दिया गया। इस दौरान दिल्ली जाने वाली करीब 15 बसों को वापस डिपो भेज दिया गया जबकि सवारी बैठी हुईं बसों को तत्काल रवाना किया गया। हिंसा को देखते हुए दूसरे जिलों की पुलिस फोर्स भी हल्द्वानी पहुंची है। एसएसपी भी इस मामले की ब्रीफिंग कर रहे हैं। पूरे क्षेत्र में हर चौराहे और गली में पुलिस को तैनात किया जा रहा है।