उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार दोपहर 1:45 बजे आई प्राकृतिक आपदा ने पूरे इलाके को दहला दिया। धराली गांव के ऊपर बादल फटने की घटना ने ऐसा कहर ढाया कि पलभर में पूरा गांव मलबे में तब्दील हो गया। खीर गाढ़ में जलस्तर बढ़ने से धराली मार्केट और आसपास के इलाके पूरी तरह तबाही की चपेट में आ गए।
प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं। घटना के वक्त कई लोग मकानों और होटलों में मौजूद थे। अचानक आई बाढ़ ने नदी किनारे बने दर्जनों मकान, होटल और होमस्टे को अपनी चपेट में ले लिया। वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि कुछ ही सेकंड में कैसे बहुमंजिला इमारतें माचिस की तीलियों की तरह बह गईं।
पानी के साथ पहाड़ी मलबा, बड़े-बड़े पत्थर और लकड़ियों के लट्ठे तेजी से बहते हुए नीचे आए, जिससे जान-माल के भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। मौके पर SDRF, NDRF और आर्मी की रेस्क्यू टीमें पहुंच गई हैं और राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि घटनास्थल से लगातार अपडेट लिए जा रहे हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर चल रहा है। बताया जा रहा है कि जिन इलाकों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, वहां कई मजदूर और स्थानीय निवासी फंसे हो सकते हैं।
धराली गांव, जो कि गंगोत्री धाम से मात्र 10 किमी और देहरादून से 218 किमी दूर स्थित है, एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। लेकिन यह तबाही यह सवाल खड़ा करती है कि क्या नदी किनारे अंधाधुंध निर्माण कार्यों ने इस आपदा को और घातक बना दिया?
स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश इतनी तेज थी कि किसी को संभलने या भागने तक का मौका नहीं मिला। चारों तरफ अफरा-तफरी और चीख-पुकार मच गई।
प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अफवाहों से बचने की अपील की है।