देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में भ्रष्टाचार का मुद्दा दिन प्रतिदिन जोर पकड़ रहा है। आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर युवाओं का जमकर हुजूम उमड़ रहा है ।
भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के इस आक्रोश को देखते हुए शासन नही चाहता है कि भ्रष्टाचार की इस लड़ाई में युवा बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे और अपने अधिकारों की मांग करें।
भ्रष्टाचार के खिलाफ युवा सड़कों पर ना आए इसके लिए शासन प्रशासन ने बड़े अच्छे प्रबंध किए और कोचिंग संस्थानों को नोटिस पत्र जारी किए गए। जिसमें कहा गया है कि संस्थानों में अध्यनरत समस्त छात्रों को भली भाँति अवगत करा दें कि बिना प्रशासनिक अनुमति के यदि किसी भी छात्र की सहभागिता पाई जाती है, तो सम्बन्धित के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
23 सितंबर को खटीमा में होने वाले जुलूस प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए कोतवाली खटीमा के द्वारा एक पत्र नोटिस पत्र जारी किया जाता है जिससे कि युवा बड़ी संख्या में इस विरोध प्रदर्शन में प्रतिभाग न कर पाए।
पत्र का प्रारूप पढ़ें:
विश्ववस्त सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि नगर में कुछ पूर्व छात्र आपराधिक तत्वों द्वारा UKSSSC में धांधली की जांच सी.बी.आई. से कराने हेतु दिनांक 23-09-2022 को खटीमा करने में धरना, जुलूस, प्रदर्शन, जाम आदि कार्यक्रम प्रस्तावित है।
जबकि क्षेत्रीय विधायक द्वारा उक्त सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायालय में रिट पीटिशन संख्या – 1675/202 दायर की गयी है, जो कि माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।
इसके बावजूद भी कुछ पूर्वजो कि आयाधिक प्रवृत्ति के है तथा जिसके विरुद्ध थाना खटीमा में आपराधिक अभियोग दर्ज है, द्वारा उक्त धाना, जुलुस प्रदर्शन, जाम कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु खटीमा क्षेत्र के शिक्षण संस्थानों/निजि कोचिंग संस्थानों के छात्रों को बरगला कर शहर के शान्ति व्यवस्था व सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
अतः आप से अपेक्षा की जाती है कि अपने संस्थानों में अध्यनरत समस्त छात्रों को भली भाँति अवगत करा दें, कि बिना प्रशासनिक अनुमति के यदि किसी भी छात्र की सहभागिता पाई जाती है, तो सम्बन्धित के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
इस पत्र के सामने आते ही प्रदेश में बेरोजगार संघ ने शासन के इस कदम का विरोध किया है और इसे बेरोजगारों की आवाज दबाने की साजिश करार दिया है।