- • 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल आटो- विक्रम पर 31 मार्च के बाद लग सकता है पूर्णतः प्रतिबंध
• विक्रम हो सकते है इस वर्ष के अंत तक चलन से बाहर ।
• विक्रम चालकों की दुश्वारियां और मनमानी ड्राइविंग से भी मिलेगी निजाद
समागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक के निर्णय को स्पष्ट करते हुए प्राधिकरण सचिव व आरटीओ सुनील शर्मा के द्वारा बताया गया कि दस वर्ष से अधिक पुराने डीजल आटो और विक्रम 31 मार्च के बाद नहीं चलेंगे , एवं डीजल से चलने वाले शेष सभी आटो-विक्रम 31 दिसंबर के बाद पूर्ण प्रतिबंधित हो जाएंगे।
उनके द्वारा बताया गया कि विक्रमों के बदले शहरों में बीएस-6 श्रेणी के पेट्रोल, इलेक्ट्रिक अथवा सीएनजी चौपिया पब्लिक वाहन चलेंगे । इस तरह से लगभग दस हजार डीजल आटो-विक्रम बंद हो जाएंगे ।
इस के बाद देहरादून के साथ साथ विकासनगर, डाकपत्थर, हरबर्टपुर, डोईवाला, कालसी, सेलाकुई व ऋषिकेश समेत हरिद्वार के शहर, रुड़की, पिरान कलियर, लक्सर, भगवानपुर में चलने वाले लगभग दस हजार डीजल आटो-विक्रम बंद हो जाएंगे। डीजल आटो के बदले सीएनजी, बीएस-6 पेट्रोल या इलेक्ट्रिक आटो ही चल सकेंगे।
अब स्टेज कैरिज परमिट के तहत नए चलने वाले वाहन फुटकर सवारी को बैठा सकेंगे, जबकि अब तक कांट्रेक्ट कैरिज परमिट के अंतर्गत चल रहे विक्रमों को फुटकर सवारी बैठाने की मंजूरी नहीं थी।
फिर भी विक्रम संचालक नियमों का उलंघन करके फुटकर सवारी बैठा रहे थे, परंतु अब परिवहन विभाग ने चेतावनी दी है कि 31 मार्च तक जो विक्रम संचालक नए चौपहिया वाहन नहीं लाए तो वह 31 दिसंबर तक कांट्रेक्ट कैरिज परमिट अनुसार ही चलेंगे।
और अगर फुटकर सवारी बैठाई तो वाहन का चालान कआर दिया जाएगा एवं गाड़ी को सीज भी किया जा सकता है। इसे लेकर आटो-विक्रम संचालक भले विरोध कर तो रहे हैं, पर यह स्पष्ट हो गया है कि निर्णय को बदला नहीं जाएगा ।
उच्च न्यायालय नैनीताल व नेशनल ग्रीन ने भी स्पष्ट कर दिया कि डीजल विक्रम वाहनों का संचालन अब पूरी तरह बंद हो जायेगा ।