उत्तराखंड : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा से ठीक पहले आयोग ने बाहरी राज्यों की 3247 महिला अभ्यर्थियों को पीसीएम गैस की परीक्षा से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन महिलाओ ने महिला आरक्षण के कारण प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली थी।
इनका रिजल्ट निरस्त किया.
ऐसी महिला अभ्यर्थी जो राज्य की अधिवासी नहीं हैं। जिन्होंने उत्तराखंड महिला के क्षैतिज आरक्षण का दावा नहीं किया है। ऐसी महिला अभ्यर्थी जो उत्तराखंड महिला के श्रेणीवार कट ऑफ मार्क्स के तहत स्थान थारित नहीं करती हैं। इन सभी का परिणाम निरस्त कर दिया गया है।
राज्य लोक सेवा आयोग ने इन्हें भी महिलाओं के लिए 30 फीसद क्षैतिज का लाभ देते हुए मुख् परीक्षा के योग्य मान लिया था, भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने सवाल उठाया कि आरक्षण उत्तराखंड की स्थानीय महिलाओं के लिए है। आखिर बाहरी महिलाओं को उसका लाभ क्यों दिया जा रहा है। इस पर आयोग ने बहाना बनाया कि आरक्षण का नोटिफिकेशन मिला ही नहीं आयोग की कड़ी आलोचना के बाद आयोग बोर्ड बैठक में तय गया कि बाहरी राज्यों की महिलाएं मुख्य परीक्षा नहीं दे पाएगी।
इन पदों के सापेक्ष नतीजे निरस्त
समेकित पद- 2548, सहायक श्रमायुक्त 06, उप निबंधक श्रेणी-दो- 34, सूचना अधिकारी- 06. उप शिक्षा अधिकारी, स्टाफ अफिसर, विधि अधिकारी- 571, सहायक निदेशक मत्स्य- 04, बाल विकास परियोजना अधिकारी- 78
यह बैठक मंगलवार को होनी थी लेकिन आयोग अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने सोमवार को ही बैठक बुला ली। इन अभ्यर्थियों का नाम हाईकोर्ट में महिला तिन आरक्षण का शासनादेश रद्द होने के बाद संशोधित परिणाम में शामिल किया गया था। आयोग ने हाईकोर्ट के आदेश से पहले जिस तरह से उत्तराखंड की महिल उम्मीदवारों को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया अब उसे देवारा लागू कर दिया गया है। बोर्ड बैठक में हुए निर्णय के तहत सभी पदों की भर्तियों में इस क्ष का लाभ दिया जाएगा। दरअसल पीसीसी परीक्षका परिणाम आने के बाद उत्तराखंड की महिलाओं को 30 प्रतिरात क्षैतिज आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में चिकादार हुई थी। इस पर हाईकोर्ट ने आरक्षण संबंधी शासनादेश रद्द कर दिया था।
राज्य लोक सेवा आयोग ने राज्य की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण खत्म करते हु 22 सितंबर और 19 अक्तूबर को सीएस मुख्य परीक्षा के दो संशोषित परिणाम जारी किए थे। इस आधार पर तीन हजार से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में भाग लेने का मौका मिल गया था।
10 जनवरी को प्रदेश में उत्तराखंड लोक सेवा महिलाओं के लिए अंतर आरक्षण) अधिनियम 2022 लागू कर दिया गया है। आयोग सचिव गिरधारी कि रावत के मुताबिक महिला आरक्षण अधिनियम के लागू होने के बाद विभिन्न पदों के सापेक्ष दूसरे राज्यों को 3247 महिला अर्थियों का रिजल्ट निरस्त कर दिया गया है। ये 23 से 26 फरवरी के बीच होने जा रही पीसीएस मुख्य परीक्षा में नहीं बैठ पाएगी