उत्तराखंड विदेश में नौकरी करने के लिए जाने वाले युवाओं को अब ठगी का शिकार होने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि सरकार अब खुद उन्हें विदेश के लायक तैयार करेगी। कोर्स के माध्यम से प्रशिक्षित करेगी और नौकरी दिलाने में भी मदद करेगी।
बता दें की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर सेवायोजन विभाग में अलग से विदेश रोजगार प्रकोष्ठ खोला गया है। इसके साथ ही भारत सरकार की ओर से नामित नेबिस नाम की मानव संसाधन कंपनी से समझौता भी किया गया है।
जापान में रोजगार के ज्यादा अवसर
पहले चरण में जापान में बुजुर्गों की सेवा के लिए एएनएम व जीएनएम कोर्स कर चुके युवाओं का चयन किया जाएगा। इसके बाद उन्हें जापानी भाषा का प्रशिक्षण देकर वहां भेजा जाएगा।
सेवायोजन विभाग उपनिदेशक चंद्रकांता ने बताया कि जापान में रोजगार के ज्यादा अवसर हैं। वहां 75 साल से अधिक आयु वाली आबादी ज्यादा है। ऐसे में वृद्धों की देखरेख करने वाले सेवकों की बड़ी संख्या में जरूरत है। इसी तरह इजरायल और जर्मनी में योग शिक्षक की मांग है।
अन्य कोर्स वाले युवाओं के लिए भी विदेश के रास्ते खुले
विदेश में होटल, केयर टेकर, तकनीशियन, इंजीनियर, आइटी पेशेवरों की भी काफी मांग है। इसी आधार पर सरकार युवाओं को तैयार करेगी। जिस देश में जिस तरह के रोजगार की आवश्यकता होगी, प्लेसमेंट एजेंसी की मदद से उस ट्रेड के बेरोजगार को तैयार कराया जाएगा। भाषा की जानकारी दी जाएगी। रहन-सहन के बारे में बताया जाएगा। पासपोर्ट, वीजा, दूतावास, प्रमाणपत्र व अन्य औपचारिकताओं को भी पूरा कराया जाएगा।
अभी फीस तय नहीं
उपनिदेशक ने बताया कि अभ्यर्थी को कितनी फीस देनी है और सरकार कितना खर्च वहन करेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। सरकार इस पर मंथन कर रही है।