देहरादून : बड़ी खबर सामने आ रही है , देहरादून के उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में विजिलेंस जांच में 300 करोड़ के घोटाले का मामला सामने आ रहा है l विश्वविद्यालय के अधिकारियों के घोटाले बाजी व बंदरबांट का सारा चट्ठा विजिलेंस जांच में खुल गया।
बता दें विश्वविद्यालय में अधिकारियों ने 2017 से 2020 के बीच मनमाने तरीके से छात्रों के प्रवेश करवाए तथा समान की खरीद में बड़ी गड़बड़ियां की। विद्यालय पर आरोप लगाए गए थे की यहां पर अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए मनमाने ढंग से विभिन्न कामों के टेंडर अपने चहेतों को दिए गए। बिना शासन के अनुमति के विश्वविद्यालय की ओर से मनमाने तरीके से बार-बार विभिन्न पदों पर भर्तियों के लिए विज्ञापन दिए गए।
बिना पास किए नीट छात्रों को मिली सीट।
किसी भी मेडिकल कॉलेज में नीट की परीक्षा पास किए हुए छात्रों को ही प्रवेश दिया जाता है, जिसके लिए नीट की काउंसलिंग की जाती है। लेकिन आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में बिना काउंसलिंग हुए छात्रों को प्रवेश दिया तथा छात्रों से प्रवेश के लिए लाखों रुपए लिए गए। रकम कितनी है अभी सही आंकलन नही हो पाया है
कॉपर्स फंड में से 50 करोड़ किए गबन।
विजिलेंस की रिपोर्ट में कॉपर्स फंड का भी खुलासा हुआ है, हर विश्वविद्यालय में कॉपर्स फंड बनाया जाता है, छात्रों की फीस से लेकर एग्जाम फीस आदि सब इस फंड में जमा करके फिर इसकी एफडी बनाई जाती है,फिर एफडी से मिलने वाले ब्याज का 1 प्रतिशत विवि बिना किसी अनुमति के वीवि के कार्यों के लिए इस्तमाल कर सकता है,ज्यादा इस्तमाल करने के लिए शासन की मंजूरी आवश्यक होती है।लेकिन अधिकारियों ने मंजूरी लेना आवश्यक ही नहीं समझा और मन मर्जी से फंड में से पैसे निकालकर बिल्डिंग्स बना दी, विजिलेंस की जांच के अनुसार लगभग इस फंड से 50 करोड़ रुपए गबन हुए है।