देहरादून : आयोग को लगातार शिकायत मिल रही थी कि स्कूल में नियमों का पालन नहीं हो रहा एवं मुस्लिम शिक्षकों और हिंदू शिक्षकों के वेतन में भी बहुत भेद है, और मुस्लिम। छात्राएं हिजाब पहनकर आती हैं। चलती कक्षा के बीच में नमाज पढ़ने के लिए बच्चों को पास के मदरसे में ले जाया जाता है।
बहुत सारी शिकायतें मिलने के बाद जब बाल आयोग की टीम जीवनगढ़ में स्थित Bright Angels School. में निरीक्षण को पहुंची तो पाया कि कई शिक्षिकाएं और छात्राएं हिजाब में थी। टीम ने अभिलेखों की भी जांच की। इसमें स्कूल के एग्रीकल्चर लैंड पर बने होने के साथ और भी कई कमियां पाई गईं। इस पर बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाने के निर्देश दिए।
और निरीक्षण के दौरान टीम ने स्कूल के अभिलेख खंगाले। साथ ही कुछ दस्तावे टीम अपने साथ लेकर भी गई। टीम ने विद्यालय परिसर, कक्षा-कक्षों से लेकर कार्यालयों की जांच भी की। आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि निरीक्षण में प्रथम दृष्टया विद्यालय की भूमि का उपयोग नहीं बदला गया है। साथ ही भवन मानचित्र भी नहीं है।
आयोग को मिली शिकायत में कहा गया है कि स्कूल के प्रस्ताव की तिथि, नियमावली पंजीकृत विधान के अनुसार नहीं है। भवन गैरकानूनी ढंग से बनाया गया है। भूमि उपयोग, शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन भी संदेहजनक है।पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ विद्यालय प्रबंधन समिति के मुखिया की भारतीय सेना की वर्दी में फोटो, प्रबंधन समिति में सीमा पार के लोगों का उल्लेख होने, शिक्षा, लोनिवि, एमडीडीए से संबंधित अनियमितताओं की शिकायतें भी शामिल हैं,और हिंदी मीडियम की मान्यता ली गई परंतु अंग्रेजी मेडियम मैं शिक्षा दी जा रही है। चैरिटी की सूची भी उपलब्ध नहीं कराई गई है। इस दौरान आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण, खंड शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह, विधि अधिकारी ममता रौथाण, बाल मनोवैज्ञानिक निशांत, इकबाल, बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्व सुरेश उनियाल मौजूद रहे।