एक्सक्लूसिव : घूसखोरी में जेल जाने वाले इनाम अली को उपनिदेशक बनाने की तैयारी
रिपोर्ट-जगदम्बा कोठारी
देहरादून। इसे प्रदेश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि रिश्वत लेने के मामले में 1 साल जेल में रहे चुके भ्रष्ट प्रधानाचार्य को अब शासन से ‘इनाम’ के तौर पर प्रमोशन देकर विभाग उसी विभाग का निदेशक बनाने की तैयारी चल रही है।
दरअसल मार्च 2010 में मेसर्स शिवम इंटरप्राइजेज हल्द्वानी ने विजिलेंस को शिकायती पत्र देकर विद्यालय में राशन सप्लाई की धनराशि के बिल के भुगतान करने की एवज में राजकीय आश्रम पद्धति (मुस्लिम शिक्षा पद्धति), उच्चतर महाविद्यालय गदरपुर के प्रधानाचार्य इनाम अली द्वारा 25 हजार रुपए और राजकीय आश्रम पद्धति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खटीमा के प्रधानाचार्य जमुना प्रसाद पर 15 हजार रुपए रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप सत्य पाए जाने के बाद विजिलेंस ने जाल बिछाकर 24 मार्च 2010 को दोनों प्रधानाचार्य को रिश्वत के पैसों के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट ने दोनों के 3 वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन एक वर्ष बाद ऊपरी अदालत से इनाम अली को जमानत मिल गई। हैरत की बात है कि जमानत मिलने के बाद पुनः इनाम अली की नियुक्ति विद्यालय में बतौर प्रधानाचार्य के तौर पर हो गई, जो कि शासन एवं कोर्ट के नियमों के विपरीत है।
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*कांग्रेस विधायक एवं संसदीय सचिव ने की सिफारिश*
हरिद्वार की पिरान कलियर सीट से विधायक एवं कांग्रेस संसदीय सचिव फुरकान अहमद ने शासन में अल्पसंख्यक कल्याण समिति के सचिव एम खान को पत्र भेजकर जेल से सजायाफ्ता एवं भ्रष्ट अफसर इनाम अली को निदेशालय में उप-निदेशक के पद पर तैनात करने की सिफारिश की है। जबकि इनाम अली को रिश्वत लेते विजिलेंस ने रंगे हाथों पकड़कर जेल भेजा था। मुस्लिम एजुकेशन मिशन में सचिव रहते हुए भी इसने कई बड़े घोटाले किए । जांच भी हुई एवं आरोप पत्र भी जारी हुआ और सजा भी हुई। लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस इसको ‘इनाम’ देने की सिफारिश कर रही है।
अब देखना होगा कि कांग्रेस विधायक की सिफारिश पर जीरो टॉलरेंस का दावा भरने वाली भाजपा सरकार क्या एक्शन लेती है!