कुछ जिलों तक ही सिमट कर रह गया ड्रग्स कंट्रोल विभाग, 30 दिन में मात्र 70 मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई
उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग ने 30 दिन में सिर्फ 70 मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की है, ये छापेमारी भी मात्र प्रदेश के 4 जिलों तक ही रह गई, जबकि आए दिन नशे के सौदागरों से नशीली दवाइयों की खेप मिलती जा रही है.ऐसे में तो बिना लाइसेंस के संचालित मेडिकल स्टोर और फर्जी फार्मा कंपनियों पर लगाम लगाने की चुनौती बढ़ती जा रहा है।
आपको बता दें की उत्तराखंड में नशीली और नकली दवाइयां को लेकर लगातार प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है. देहरादून एसएसपी अजय सिंह की ओर से नशे के खिलाफ विशेष रूप से अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस और ड्रग्स कंट्रोल विभाग बड़े स्तर पर अभियान चला रहे है. लेकिन यह अभियान कहीं ना कहीं नाकाम साबित होता दिखाई दे रहा है. जानकारी अनुसार पिछले एक महीने में प्रदेश के मात्र 4 जिलों के 70 दुकानों पर ही छापेमारी की गई है. ऐसे में गैर लाइसेंसी मेडिकल स्टोर और फर्जी तरीके से संचालित फार्मा कंपनियों पर लगाम लगा पाना मुश्किल हो रहा है
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आपको बता दें उत्तराखंड सरकार ने साल 2025 तक नशा मुक्त उत्तराखंड बनाए जाने का लक्ष्य रखा है. इसके क्रम में उत्तराखंड ड्रग्स कंट्रोल विभाग और पुलिस प्रशासन निरंतर कार्रवाई कर रहा है. मुख्य रूप से राजधानी देहरादून के तमाम क्षेत्रों में आए दिन नशीली दवाइयों की खेप पकड़ी जा रही है. इसमें मुख्य रूप से वो तमाम जीवन रक्षक दवाइयां हैं, जिनका इस्तेमाल मरीज को ठीक करने के लिए किया जाता है. वहीं नशे के सौदागर इन दवाइयों का दुरुपयोग कर नशे के रूप में बेचते पकड़े जाते हैं. इसी कारण से पुलिस विभाग की ओर से समय पर छापेमारी कर नशे के सौदागरों को नशीली सामग्रियों के साथ गिरफ्तार किया जा रहा है.ऐसे में ड्रग्स कंट्रोल विभाग, गैर लाइसेंसी मेडिकल स्टोर पर लगाम लगाने के लिए समय-समय पर छापेमारी की कार्रवाई कर रहा है. लेकिन जिस तरह से ड्रग्स कंट्रोल विभाग की ओर से छापेमारी की कार्रवाई की जाती है, वह कहीं ना कहीं नाकाम साबित होती नजर आ रही है
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अब तक मात्र 70 मेडिकल स्टोर पर छापेमारी: अक्टूबर महीने के दौरान ड्रग्स कंट्रोल विभाग की ओर से प्रदेश के 4 जिलों के मात्र 70 मेडिकल स्टोरों और एक फर्जी फार्मा कंपनी पर छापेमारी की कार्रवाई की गई है. ऐसे में ड्रग्स कंट्रोल विभाग पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है कि प्रदेश भर में हजारों की संख्या में मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं, बावजूद इसके सिर्फ कुछ मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की कार्रवाई कर विभाग शांत क्यों हो गया
कुमाऊं के 6 जिलों की मात्र 25 दुकानों पर कार्रवाई: इसी क्रम में कुमाऊं मंडल के दो जिले उधमसिंह नगर और चंपावत में 25 मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की कार्रवाई की गई. जिसमें दो मेडिकल स्टोरों को 3 दिन के लिए बंद कराया गया. साथ ही 15 दुकानों का लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई की गई. इन दुकानों से 20 दवाइयों के सैंपल लिए गए
गढ़वाल के मात्र 2 जिलों में कार्रवाई: ड्रग्स कंट्रोल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गढ़वाल मंडल के हरिद्वार और देहरादून जिले में छापेमारी की कार्रवाई की गई है. इसमें मुख्य रूप से हरिद्वार जिले में एक फर्जी फार्मा कंपनी का भंडाफोड़ करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. साथ ही अवैध माल को जब्त किया गया. इसके साथ ही इन दोनों जिलों में 45 मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की गई. जिसके तहत 18 दुकानों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाते हुए 49 सैंपल लिए गए
सहायक औषधि नियंत्रक सुधीर कुमार ने बताया कि जब भी किसी मेडिकल स्टोर से किसी नकली फार्मा कंपनियां की शिकायत सूचना विभाग को मिलती है तो उसकी जानकारी एकत्रित करने के बाद छापेमारी की कार्रवाई की जाती है. हालांकि, नकली दवाओं और मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी की कार्रवाई जारी रहती है, ताकि इन पर लगाम लगायी जा सके वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि उच्च अधिकारियों की ओर से दिए गए निर्देशों के अनुसार ना सिर्फ मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की कार्रवाई की जाती है, बल्कि दवाइयों के सैंपल भी लिए जाते हैं, जिसकी जांच के बाद खामियां पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है।