उत्तराखंड/देहरादून – विधानसभा से बर्खास्त कार्मिकों का धरना 46 वें दिन भी जारी रहा इस दौरान बर्खास्त महिला कार्मिक दीप्ति पांडे का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने के कारण उसे सीएमआई अस्पताल में भर्ती कराया गया डॉक्टरों के अनुसार मानसिक तनाव के कारण बिगड़ना बताया गया इस दौरान महिला कार्मिकों में आक्रोश है। तथा महिला कार्मिकों द्वारा विधानसभा को चेतावनी दी गई है। कि अगर अतिशीघ्र हमारी मांगे नहीं मानी गई तो वह उग्र आंदोलन को और भी तेज करेंगे कार्मिकों ने कहा कि हमें धरना देते 46 दिन हो गए हैं। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कोई सुध नहीं ली गई आखिर हमारा दोष क्या था। एक बार विधानसभा अध्यक्ष महोदय यह बता देते कि बर्खास्त किए गए कार्मिकों क्या गलती थी केवल उन पर ही कार्यवाही की गई कर्मचारियों का आगे कहना हैl कि सभा अध्यक्ष किसको बचाना चाह रही हैं। अगर किसी को बचाना नहीं चाह रही है।
तो बर्खास्त कार्मिकों की सुध क्यों नहीं ली जा रही है। इस दौरान कार्मिकों ने विभिन्न कर्मचारियों के संगठनों से अपील की कार्मिकों का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष ने बिना सोचे समझे अनुभवहीन निर्णय लिया कोटिया कमेटी द्वारा रिपोर्ट सौंपने की 12 घंटे के अंदर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा रिपोर्ट का अध्ययन भी कर लिया गया और अगले दिन सुबह 11:00 बजे आनन-फानन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए 228 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया जाता है। बिना किसी पूर्व सूचना के यह कहां का न्याय है। अपने आप को मान्य अध्यक्षा न्याय की देवी कहती हैं। तो यह आधा अधूरा न्याय करने के बाद कहां की न्याय कि देवी इस दौरान गिरीश सिंह कविता फर्त्याल भगवती साहनी गोपाल नेगी मनीष भगत राहुल पांडे सुशील थपलियाल प्रदीप भंडारी कैलाश अधिकारी राहुल शर्मा सुंदर सिंह मुकेश पंत सरोज सोनम गोस्वामी अनिल राहुल मैखुरी आदी समस्त बर्खास्त कार्मिक उपस्थित थे।